ओशो गौरीशंकर ध्यान

ओशो नटराज ध्‍यान की विधि

ओशो नटराज ध्‍यान की विधि

ओशो नटराज ध्‍यान ओशो के निर्देशन में तैयार किए गए संगीत के साथ किया जा सकता है। यह संगीत ऊर्जा गत रूप से ध्‍यान में सहयोगी होता है। और ध्‍यान विधि के हर चरण की शुरूआत को इंगित करता है।

नृत्‍य को अपने ढंग से बहने दो; उसे आरोपित मत करो। बल्‍कि उसका अनुसरण करो, उसे घटने दो। वह कोई कृत्‍य नहीं, एक घटना है। उत्‍सवपूर्ण भाव में रहो, तुम कोई बड़ा गंभीर काम नहीं कर रहे हो; बस खेल रहे हो। अपनी जीवन ऊर्जा से खेल रहे हो, उसे अपने ढंग से बहने दे रहे हो। उसे बस ऐसे जैसे हवा बहती है और नदी बहती है, प्रवाहित होने दो……तुम भी प्रवाहित हो रहे हो, बह रहे हो, इसे अनुभव करो। Read More : ओशो नटराज ध्‍यान की विधि about ओशो नटराज ध्‍यान की विधि

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान

आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान एक ऐसा ध्यान है जो शरीर ओर मन दोनो को रिलेक्स करता है ओर नई शक्ति को जगाता है ओर कई शारीरीक मानसिक बिमारियों से तुरन्त छुटकारा दिलाता है पतंजलि ने पांच हजार साल पहले योग और ध्यान की विधियां जिस 'आदमी' के लिए दी थीं, वह 'आदमी' अब नहीं है। जैसा आदमी आज इंटनेट के इस युग में अंधी विकास की दौड़ में जिस प्रतिस्पर्धा व तनाव को जी रहा है, ऐसा आदमी जमीन पर पहले कभी भी नहीं था।यह बड़ी नई घटना है। इस नई घटना को सोचकर ओशो ने ध्यान की कुछ नई पद्धतियों का समावेश किया है। इसके पहले कि आप ध्यान में उतरें, आपके तनावों व दमन का रेचन यानी उनका हट जाना जरूरी है। आज अष्‍टांग योग के Read More : आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान about आज के युग मे ओशो सक्रिय ध्यान