कौन सी 7 ख़राब आदतें बुरे पति को साबित करने के लिए काफी है?

दुनिया की सबसे अभागन लड़की होगी यदि मेरे जैसा पति उसे मिला।

मैं इस सवाल का जवाब इसीलिए लिख रहा हूँ क्योंकि खराब पति की 7 आदतें मतलब मेरी खुद की आदतें औऱ मैं कभी नहीं चाहूंगा कि मैं या मेरे जैसा कोई व्यक्ति किसी लड़की का पति बने।

तो लीजिये पेश हैं ईमानदारी से एक खराब पति की 7 बुरी आदतें।

  • जरूरत से ज्यादा रोकटोक करना:- पत्नि क्या कर रही है, किससे बात कर रही है, कहाँ जा रही है, क्या खा रही है, कहाँ देख रही है, क्या सोच रही है, मतलब हर चीज में रोकटोक, ये आदत पत्नियों को शुरू शुरू में तो ठीक लग सकती है लेकिन एक समय बाद पत्नि को सबसे ज्यादा चिढ़ भी इसी बात से होने लगती है। पर यहां गलती पत्नि की भी हो सकती है हो सकता है पत्नि ने पति को इसके लिए पूर्व में कुछ कारण दिए हों या हो सकता है पति अपनी पत्नि से अत्यधिक प्रेम करता हो और उसके मन मे पत्नि के लिए असुरक्षा की भावना घर कर गई हो।
  • पत्नि या उसके परिवार का अपमान:- ये भी खराब पति की एक खास पहचान है कि जरा सा झगड़ा हुआ नहीं कि लगे पत्नि को और उसके घरवालों को अपशब्द बकने और यदि बात ज्यादा बढ़ गई तो हाथ उठाने से भी नहीं चूकते।
  • पत्नि को नौकरानी समझना:- हमारे देश मे तो ये आम बात है कि पत्नि सिर्फ पति की सेवा करे यही उसका धर्म है औऱ बदले में उसको मिलेगा क्या- उसके कामों में कमियां गिनवाता पति।
  • लापरवाह:- पत्नि औऱ बच्चों की जरूरतों से कोई मतलब नहीं, बच्चे पढ़ते हैं या नहीं, पत्नि बीमार तो नहीं, घर मे किसी चीज की कमी तो नहीं… इन्हें इन सब से कोई मतलब नहीं। पत्नि यदि बार बार याद दिलाये तो झगड़ने को तैयार।
  • कमजोर:- मेेरे कहने का ये बिल्कुल भी आशय नहीं है कि पति-पत्नि का सम्बंध सिर्फ शारीरिक या आर्थिक ही होता है लेकिन भावनात्मक के साथ साथ शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक आवश्यकताएं भी तो होती ही है। मुझे नहीं लगता कि किसी लड़की को किसी शारीरिक, आर्थिक या मानसिक किसी में से किसी भी प्रकार से कमजोर लड़के की चाह होगी।
  • अति व्यस्त- ये भी एक खराब पति की एक पहचान होती है कि वो अपने में, अपने मित्रों में या अपने काम मे इतने ज्यादा व्यस्त रहते हैं कि इन्हें अपने जीवनसाथी के लिए वक्त ही नहीं मिल पाता।
  • बेरोजगार- मेेरे हिसाब से तो मेरे जैसे बेरोजगार व्यक्ति को विवाह करना ही नहीं चाहिए क्योंकि शादी कोई हंसी मजाक नहीं है बल्कि एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसके लिए व्यक्ति को हर स्तर पर सक्षम होना ही चाहिए।
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