ध्यान : मौन का रंग

जब भी आपको नीले रंग का कोई दृश्य दिखे--आकाश का नीलापन या नदी का नीलापन--तो बस शांत बैठ जाएं और उसकी नीलिमा में देखते रहें। और आपको एक गहन शांति अनुभव होगी। जब भी आप नीले रंग पर ध्यान करेंगे, एक गहन शांति आप पर उतर आएगी।

नीला रंग सबसे अधिक आध्यात्मिक रंगों में से एक है, क्योंकि वह शांति का, मौन का रंग है। वह थिरता का, विश्राम का, लीनता का रंग है। तो जब भी आप गहन शांति में होते हैं, अचानक आप भीतर एक नीली ज्योति महसूस करेंगे। और यदि आप अपने भीतर नीली ज्योति का भाव करें तो आप एकदम शांत महसूस करेंगे। यह दोनों तरफ से काम करता है।

ओशो: ध्यान विज्ञान #56

 

Vote: 
No votes yet

New Dhyan Updates

यही शरीर, बुद्ध: हां, तुम।
ओशो: जब कामवासना पकड़े तब क्या करें ?
नासाग्र को देखना (ध्‍यान)—ओशो
विपस्सना कैसे की जाती है?
दूसरे को तुम उतना ही देख पाओगे जितना तुम अपने को देखते हो
स्मृति का अर्थ है —बोध
शब्दों के बिना देखना
ओशो – ध्यान में होने वाले अनुभव !
आप अच्छे हैं या स्वाभाविक?
ध्वनि के केंद्र में स्नान करो
कृत्रिम न होओ , स्वाभाविक रहो अपने ऊपर आदर्श मत ओढो़
करने की बीमारी
शरीर और मन दो अलग चीजें नहीं हैं।
चक्रमण सुमिरन एक वरदान है
ओशो – पहले विचार फिर निर्विचार !
ध्यान: श्वास को विश्रांत करें
ध्यान:: त्राटक ध्यान : ओशो
अपनी श्वास का स्मरण रखें
जागरण की तीन सीढ़ियां हैं।
ध्यान : संतुलन ध्यान
ध्यान :: गर्भ की शांति पायें
स्वर्णिम प्रकाश ध्यान : ओशो
प्रेम एक ऊर्जा क्षेत्र है
ध्यान : संयम साधना
ओशो की सक्रिय ध्यान विधि