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भारत में वैज्ञानिकों ने डायनासोर के सैकड़ों अंडों को ढूँढ निकाला है
भारत में वैज्ञानिकों ने डायनासोर के सैकड़ों अंडों को ढूँढ निकाला है, ये अंडे साढ़े छह करोड़ साल पुराने हो सकते हैं.
ये अंडे संयोगवश वैज्ञानिकों के हाथ लगे, वे तमिलनाडु में एक नदी के किनारे प्राचीन धरोहरों की तलाश में खुदाई कर रहे थे.
खुदाई के दौरान उन्हें जीवाश्म बन चुके अंडों के ढेर मिले जिनके नमूने दुनिया भर के विशेषज्ञों को भेजे गए जिन्होंने पुष्टि की है कि ये डायनासोर के ही अंडे हैं.
अंडों का आकार फुटबॉल जितना बड़ा है, वैज्ञानिकों का मानना है कि मादा डायनासोर ने अंडे देने के बाद उन्हें रेत में दबा दिया होगा.
अहम खोज
वैज्ञानिक दल के प्रमुख डॉक्टर एमयू रामकुमार का कहना है कि यह बहुत अहम खोज है और इससे डायनासोर के लुप्त होने के रहस्य को समझने में मदद मिल सकती है.
रामकुमार कहते हैं, "अहम बात ये है कि अंडे कई परतों में मिले हैं इसका मतलब है कि डायनासोर इस जगह पर साल दर साल आते रहे होंगे. दूसरी अहम बात ये है कि हमें अंडों के ऊपर ज्वालामुखी के राख की परतें मिली हैं जिससे लगता है कि डायनासोर के लुप्त होने की वजह ज्वालामुखी विस्फोट रहा होगा."
वे कहते हैं, "एक और दिलचस्प बात है कि इन सभी अंडों के अंदर कोई जान नहीं थी, ऐसा क्यों था कि अंडों में डायनासोर पैदा करने की क्षमता नहीं थी, अधिक अध्ययन से बहुत जानकारियाँ मिल सकती हैं."
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये अंडे शांतिप्रिय शाकाहारी डायनासोर के हैं, इस प्रजाति के डायनासोरों के अवशेष दुनिया के लगभग हर कोने में पाए गए हैं.
डॉक्टर रामकुमार ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस अदभुत ख़ज़ाने की पूरी तरह से हिफ़ाज़त करें.
इसी क्षेत्र में डायनासोर के अंडे ब्रितानी वैज्ञानिकों को 1860 में मिले थे, 1990 के दशक में तमिलनाडु में डायनासोर के अंडे पाए गए थे.