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ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी

ह्यूमन पेपिलोमावायरस, वायरस के एक समूह का एक नाम है जो त्वचा और श्लेष्म झिल्ली को प्रभावित करता है, जैसे कि गले, गर्भाशय ग्रीवा, गुदा और मुंह। एक बेहद खतरनाक है, आम और सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस है।
100 से अधिक प्रकार के एचपीवी हैं, जिनमें से लगभग 40 जननांग क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। ये प्रकार व्यक्ति के मुंह और गले तक भी पहुंच सकते हैं।
इतना ही नहीं इसके अधिकतर मामलों में इस ह्यूमन पेपिलोमावायरस से होने वाली बीमारी के लक्षण मालूम भी नहीं चलते। जिसके कारण प्रभावित व्यक्ति को इस बीमारी का पता नहीं चलता है।
गर्भाशय ग्रीवा के भीतर असामान्य कोशिका वृद्धि और परिवर्तन, एचपीवी संक्रमण का कारण हो सकता है जो सर्वाइकल कैंसर के खतरे को काफी बढ़ाता है।
एचपीवी वाले अधिकांश व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और वे अनजान होते हैं।
एचपीवी आमतौर पर योनि या गुदा मैथुन, ओरल सेक्स और जननांग से जननांग संपर्क के माध्यम से प्रेषित होता है। एचपीवी वायरस वाले लोग जिनमे इसके कोई भी लक्षण नहीं होते हैं वह भी दूसरों को संक्रमित कर सकता है।
एक महिला जो गर्भवती है और उसे एचपीवी है तो वह बच्चे के जन्म के दौरान अपने बच्चे को वायरस पहुंचा सकती है, हालांकि यह बहुत दुर्लभ है।
एचपीवी को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है।
यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि योनि सेक्स, गुदा सेक्स और ओरल सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किया जाए तो इस संक्रमण से पूरी तरह बचा जा सकता है।