सक्रिय ज्वालामुखी की हैरतअंगेज़ तस्वीरें

सक्रिय ज्वालामुखी की हैरतअंगेज़ तस्वीरें

जब कोई ज्वालामुखी पूरी तरह से सक्रिय हो यानी आग की लपटें उठ रही हों और उससे निकलने वाला लावा तेज़ रफ़्तार से निकल रहा हो, तो आस पड़ोस में तूफ़ान जैसी स्थिति होती है जिसे डर्टी थंडरस्टॉर्म कहते हैं.

ज्वालामुखी के संसार पर फ़िल्म बनाने वाले फ़िल्म मेकर मार्क सेज़ेगलट ने इस महीने की शुरुआत में एक सक्रिय ज्वालामुखी की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया.

वैसे तो ज्वालामुखी का सक्रिय होना दुर्लभ माना जाता है, लेकिन जापान का साकुराजिमा ज्वालामुखी आश्चर्यजनक रूप से दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है.

अपनी शूटिंग के दौरान सेज़ेगलट ने उन पलों को भी फिल्माया जब ज्वालामुखी नाटकीय ढंग से सक्रिय हो उठा.

 

जर्मन मूल के फ़िल्मकार सेज़ेगलट बीते 20 सालों से सक्रिय ज्वालामुखी के इलाकों की यात्रा करते रहे हैं. उन्होंने बताया, "डर्टी थंडरस्टॉर्म का मतलब ज्वालामुखी के जरिए बादलों में धमाका होने जैसा है."

रोज़ाना ही सक्रिय

सेज़ेगलट कहते हैं, "साकुराजिमा इकलौता ज्वालामुखी है जो रोज़ाना ही सक्रिय होता है." हालांकि ऐसा क्यों होता है, यह स्पष्ट नहीं है.

सेज़ेगलट बताते हैं कि, "आम तौर पर बिजली तब चमकती है जब हवा में मौजूद आइस क्रिस्टल आपस में टकराते हैं. ज्वालामुखी के सक्रिय होने पर आइस क्रिस्टल की जगह धूलकण आपस में टकराते हैं."

ज्वालामुखी के सक्रिय होने की विलक्षण तस्वीरों को लेने के लिए सेज़ेगलट और उनके एक दोस्त ने काफ़ी इतंज़ार किया.

ज्वालामुखी का फटना

ज्वालामुखी के सक्रिय होने का अनुभव बताते हुए सेज़ेगलट कहते हैं, "ज्वालामुखी के सक्रिय होने के कई सेकेंड के बाद भूकंप के झटके महसूस हुए और काफी तेज़ आवाज सुनाई पड़ी. भूकंप कितना तेज़ था, मैं नहीं जानता."

इस भूकंप के बारे में सेज़ेगलट कहते हैं कि कई बार इतनी जोर से झटका लगता है कि ट्राइपॉड और कैमरा दोनों हिल जाते हैं.

हालांकि इस बार दोनों को पृथ्वी की सतह के अंदर से हवा का तेज झोंका भी महसूस हुआ और ज्वालामुखी की तस्वीर लेने के बाद मार्टिन और सेज़ेगलट दोनों काफ़ी ख़ुश हुए.

आइसलैंड का ज्वालामुखी जब 2010 की गर्मियों में सक्रिय हुआ तब डर्टी थंडरस्ट्रॉम का नज़ारा देखने को मिला था. ज्वालामुखी की सक्रियता तब होती जब गैस लावा में फंस जाता है और उसके बढ़ते दबाव के चलते लावा ज्वालामुखी के मुहाने से तेज़ी से निकलता है.

तब 11 से 20 मई, 2010 के बीच विशेषज्ञों ने इस ज्वालामुखी के डर्टी थंडरस्टॉर्म और उसके असर को लेकर काफी चिंता जताई थी.

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