पढ़ाई का तरीका और प्लानिंग

पढ़ाई का तरीका

बहुत से स्टूडेंट्स का आदत होता है की वो जब एग्ज़ॅम करीब हो जाता है तब पढ़ना स्टार्ट करते है। ये बहुत ही बुरा आदत है इसे पढ़ाई नही कहते हैं। और इसलिए एग्ज़ॅम के टाइम सब भूल जाते है और तनाव रहता हैं। क्यूंकी जल्दबाज़ी मे हर काम खराब ही होता है। जिस तरह से बूंद-बूंद से घड़ा भरता है ठीक उसी तरह रोजाना और लम्बे समय तक थोडा-थोडा पढने से आपकी अच्छी तायारी होगी।

जब आपका सेमेस्टर स्टार्ट हो उसी टाइम आप सोच ले की इस बार मुझे अपने दोस्तो से ज़्यादा मार्क्स लाना है। आपका एक सही डिसीजन आपका रिज़ल्ट बदल सकता हैं। इसलिए पहले दिन से ही पढ़ना स्टार्ट करे और ऐसा नही की एक दिन मे 2-3 चेपटर ख़तम कर दे और अगले चार-पाँच दिन प्रॅक्टीस भी ना करे। ऐसा ग़लती बिल्कुल ना करे। हर रोज थोड़ा-थोड़ा पढ़े और जो पढ़ रहे है उसे अच्छी तरह समझे, और जब भी पढ़ते वक्त बोर होने लगे या आलाश आने लगे तो थोड़ा देर रिलॅक्स कर ले।

जब तैयारी अच्छी होगी तो एग्ज़ॅम के दौरान आप तनाव में नहीं रहेंगे। परीक्षा के वक्त तब आपको नये टॉपिक्स पढने की जरूरत नहीं होगी। यानि सभी विषय और लेसन आपके द्वारा पहले से ही पढ़े हुए होंगे तो इससे रिविजन के लिए भी आपको पर्याप्त समय मिल जायेगा। इसलिए यदि आप एक अच्छे स्टूडेंट है और आपको परीक्षा में सफलता चाहिए ती रेगुलर स्टडी के लिए समय निकाले और धैर्य के साथ पूरे साल पढाई करे। नियमित रूप से पढने के यह मतलब बिलकुल भी नहीं की आप पूरे दिनभर पढाई ही करते रहे। प्रतिदिन पढाई के लिए समय निर्धारित कर ले. उस दौरान सिर्फ पढने में ही मन लगाये।

आपको जो भी पढाई करनी है उसकी पूरी प्लानिंग कर ले. और जब किसी चीज़ का प्लानिंग करे तो उसे पूरा भी करे ऐसा नही की भूल जाए। और प्लानीग करने का तरीका भी होना चाहिए. ज़्यादा प्लान ना करे। उतना ही प्लान करे जितना आपसे हो पाएगा। पूरा साल भर का प्लान ना करे। एक वीक का प्लान करे और उसे पूरा करे फिर दूसरे वीक का प्लान करे। इसी तरह एक सब्जेक्ट का प्लान करे। इसका फ़ायदा होगा की एग्ज़ॅम के समय आपको रात-रात भर जाग के पढ़ना नही पढ़ेगा, और सारा सिलेबस अपने पढ़ा होगा तो एग्ज़ॅम के टाइम सिर्फ़ रिभिजन करना होगा।