समझ और याद्दाश्त का गहरा रिश्ता है

समझ और याद्दाश्त का गहरा रिश्ता है

समझ और याद्दाश्त का गहरा रिश्ता है यदि आप किसी विषय को बिना समझे याद करना चाहते है जो कि सही तरीका नहीं है, हमारा दिमाग हर तार्किक चीज को अच्छे से याद रख पाता है आपको गणित को तो याद नहीं करना पडता , क्योंकि वह तार्किक है उस में गणनाऐं है इसी प्रकार जब हम अन्य विषय पढते है हमें उनमें गहरी समझ का विकास करना चाहिए हर घटना के पीछे के कारणों को अच्छे से समझना चाहिये ,ना कि हम सिर्फ रटते रहें यदि समझ विकसित करेंगे तो रुचि विकसित होगी और अगर आपको आप का विषय रुचिकर लगने लगे तब तो आप के और सफलता के मध्य किसकी मजाल है जो आ जाये ,निष्कर्ष के तौर पर हमें प्रत्येक विषय की समझ विकसित करनी होगी उसे अच्छे से याद करने के लिये