वास्तु में अपना करियर कैसे बनाये

वास्तु में अपना करियर कैसे बनाये

अक्सर लोगो से बाते करते सुना जा सकता है कि मकान तो Vastu  वास्तु के हिसाब से ही बनना चाहिए या किसी की किचन सही जगह नही है तो किसी का बेडरूम | अब सहज प्रश्न यह है की आखिर वास्तु है क्या और इसके अनुसार मकान , दूकान जैसी चीजे नही होने पर क्या हो सकता है या क्या होता है | क्या यह कोई विज्ञान है या विज्ञान की कोई शाखा है या अन्धविश्वास का ही एक विस्तार है | और तो और क्या इसमें कोई करियर भी हो सकता है |

 
प्राचीन मान्यताओं की माने तो हर दिशा विशेष गुण के लिए होती है और उन गुणों के मुताबिक़ मकान वगैरह बनाने से लाभ होता है | उन्ही बातो को दुसरे शब्दों में लोग दिशाओं का विज्ञान मानते है लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लोग इसे मानते है और इसके अनुरूप निर्माण कार्य कराने में भरपूर यत्न करते है वही दुसरी तरफ ऐसे लोग भी है जो इसे कोरा अन्धविश्वास मानते है और कहते है की दिशाओं ,उनके गुणों या इससे होने वाले लाभ की बात बेमानी है | रही बात करियर की तो जो लोग इसमें यकीन करते है उन्हें परामर्श देकर ठीक ठाक करियर बनाया जा सकता है |

वास्तुशास्त्री के काम का तरीका
वास्तुशास्त्री का कार्य परामर्श का कार्य है | भवन निर्माण करने के इच्छुक लोग यह जानना चाहते है कि उनके नक्शे में ड्राइंग रूम कहा हो , किचन कहा हो , बाथरूम कहा हो ताकि उन पर या उनके परिवार पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर ना हो और उनकी सुख समृधि बढती रहे | वास्तुशास्त्री को यह बताकर भी जमीन की लम्बाई चौड़ाई और कौन सी दिशा किधर है समझा जा सकता है कि नक्षा कैसे बने , वही दुसरी तरफ वास्तुशास्त्री को उस जमीन तक लाकर भी उसे दिखाया जा सकता है और चिन्हित किया जा सकता है कि मकान में कहा क्या हो | इसमें काम के घंटो का कोई नियत समय नही है किसी काम को आप एक घंटे में भी कर सकते है और पूरा दिन भी लग सकता है |

 

कोर्स
जहा तक वास्तुशास्त्र की पढाई का सवाल है तो एक तरफ स्वाध्याय है तो दुसरी तरफ गुनीजनो से सीखा भी जा सकता है | सीखने-सिखाने का सिलसिला परम्परागत परिधियो से बाहर निकलकर आधुनिक कक्षाओ तक पहुचा जा सकता है | वास्तु के लिए जरुरी नही है कि आप डिग्री डिप्लोमा करे , इसके लिए बस 15 दिन का कौर्स या फिर एक महीने का कोर्स काफी होता है | इसके तहत वास्तुशास्त्र का इतिहास, उसका अनुप्रयोग ,पंचभूत और उनका मनुष्य से संबंध ,दिशाए ,वास्तुपुरुष ,वास्तुमंडल ,महामंत्र इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है जिनके आधार पर वास्तविक भू-खंड में स्थान निर्धारण वगैरह किया जा सकता है |

 

योग्यता
पहले वास्तु विद्या के लिए किसी औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता या अनिवार्यता नही थी लेकिन अब कुछ कॉलेज एवं इंस्टिट्यूट में बाकायदा इसकी पढाई भी होने लगी है इसलिए इसके लिए योग्यता भी तय कर दी गयी है | वास्तुशास्त्र में करियर बनाने के लिए अभ्यर्थी कम से कम 12वी पास जरुर हो |  अगर विज्ञान संकाय से पढाई की है तो इसमें करियर बनाना बेहतर रहेगा |
सामान्य ज्ञान , भौगोलिक प्रक्रियाओ की समझ हो , शास्त्रों का थोडा बहुत ज्ञान हो , परम्पराओं को समझने वाला नजरिया हो | वास्तुशास्त्र के मुलभुत सिधान्तो ,वास्तु पुरुष मंडल क्या होता है , कौनसी दिशा या कौनसा कोण किस किस के स्वामित्व में होता है उसकी क्या विशेषताए होती है | यह भी बताया जाता है कि यदि वास्तु के मुताबिक़ भवन निर्माण में कोई कठिनाई आ रही है तो उसका हल क्या है |

 

सम्भावनाये और आमदनी

वास्तु विद्या जानकर खुद की डिजाईन कम्पनी खोल सकते है | बिल्डिंग निर्माण से सम्बंधित कंसल्टेंसी या फर्म स्थापित कर सकते है | अगर एक वास्तुशास्त्री वैज्ञानिक नजरिया डेवलप करता है तो उसकी मांग बढ़ जाती है | जैसे जैसे समय बीतेगा विश्वसनीयता बढती जायेगी | इसमें कभी कोई रिटायर नही होता हो | शुरुवाती सैलरी 25 से 30 हजार | किसी भी इंटीरियर डेकोरेटर ,बिल्डर ,कंस्ट्रक्शन कम्पनी इन सभी जगहों पर एक ख़ास वास्तुकार की खासी डिमांड रहती है | खास बात यह है कि इसमें सेल्फ एम्प्लॉयमेंट बहुत ही बेहतर है |