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क्या हर गेम खेलने वाला बीमार है?

डब्ल्यूएचओ की तरफ़ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल या फिर वीडियो गेम खेलने वाले बहुत कम लोगों में ये बीमारी का रूप धारण करती है. लेकिन इस बात का ख़याल रखना बेहद ज़रूरी है कि आप दिन में कितने घंटे मोबाइल पर गेम खेलते हुए बिताते हैं. अगर आप अपने जीवन के बाकी काम निपटाते हुए मोबाइल पर गेम खेलने का वक्त निकाल पाते हैं तो उन लोगों के लिए ये बीमारी नहीं है.
कितने घंटे गेम खेलने वाला बीमार होता है?
इस सवाल के जवाब में डॉक्टर बलहारा कहते हैं कि 'ऐसा कोई फ़ॉर्मूला नहीं है. दिन में चार घंटे गेम खेलने वाला भी बीमार हो सकता है और दिन में 12 घंटे गेम पर काम करने वाला ठीक हो सकता है.
बीबीसी को उन्होंने बताया कि उनके पास एक केस है जिसमें बच्चा दिन में 4 घंटे ही गेमिंग करता है. लेकिन वो बीमार है.
बच्चे के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉक्टर सिंह कहते हैं, "24 घंटे में चार घंटे गेम पर बिताना ज़्यादा नहीं है. लेकिन वो बच्चा बीमार इसलिए है क्योंकि बच्चा सात घंटे स्कूल में बिताता था, फिर ट्यूशन जाता था. वापस आने के बाद न तो वो माता-पिता से बात करता था, न पढ़ाई. खाना और सोना दोनों उसने छोड़ दिया था. इसलिए उसकी इस लत को छुड़ाना ज़्यादा मुश्किल था."
डॉक्टर बलहारा आगे बताते हैं, "एक दूसरा आदमी जो गेम बनाता है या उसकी टेस्टिंग करता है और दिन में 12 घंटे गेम खेलता है, वो बीमार नहीं कहलाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उसका ये पेशा है और उसका ख़ुद पर नियंत्रण बरकरार है."