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गेमिंग एडिक्शन एक 'बीमारी'
देश और दुनिया में मोबाइल और वीडियो गेम में लोगों की बढ़ती निर्भरता और दिलचस्पी को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गेमिंग एडिक्शन को एक तरह का डिसऑर्डर बताते इसे दिमाग़ी बीमारी की श्रेणी में रखा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के इंटरनेशनल क्लासिफ़िकेशन ऑफ़ डिज़ीज़ ( ICD - 11) ने 27 साल बाद अपना ये मैन्युअल इस साल अपडेट किया है.
लेकिन ऐसा नहीं कि गेम खेलने की लत केवल बच्चों में होती है.
सनाया का इलाज कर रही डॉक्टर जयंती दत्ता के मुताबिक, बड़ों में भी ये बीमारी देखने को मिलती है.
उनका कहना है कि बहुत से दफ़्तरों में भी एंग्री बर्ड, टेम्पल रन, कैंडी क्रश, कॉन्ट्रा जैसे मोबाइल गेम के कई दीवाने मिल जाएंगे.
डॉक्टर जयंती दत्ता एक मनोवैज्ञानिक हैं. उनके मुताबिक, अक्सर समय बिताने के लिए लोग इसे खेलना शुरू करते हैं. पर ये कब आदत में बदल जाता है और ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन जाता है, इसका अंदाज़ा इस्तेमाल करने वाले को कभी नहीं लगता.