दिल के दौरे से बचने के लिए जो लोग स्वस्थ होते हुए भी एस्पिरिन लेते हैं, उन्हे फ़ायदे की जगह नुकसान अधिक हो सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत से लोग ये समझते हैं कि अगर रोज़ एस्पिरिन ले ली जाए तो दिल के रोगों से बचा जा सकता है.
लेकिन एस्पिरिन फॉ़र असिम्प्टोमैटिक एथरोस्क्लिरॉसिस (एएए) के एक शोध का कहना है कि ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं कि दिल के रोगों से बचने में एस्पिरिन सहायक होती है.
हाल में लैंसेट के एक अध्ययन ने कहा था कि दिल का दौरा और पक्षाघात रोकने के लिए एस्पिरिन की कम ख़ुराक का नियमित प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.
इस नवीनतम अध्ययन का आधा ख़र्च ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन ने उठाया था. फ़ाउंडेशन के प्रोफ़ैसर पीटर वाइसबर्ग ने कहा, हम जानते हैं कि कि जिन रोगियों में धमनी की बीमारी के लक्षण हैं जैसे एन्जाइना, दिल का दौरा या पक्षाघात उन्हे कम मात्रा में रोज़ एस्पिरिन खाने से लाभ होता है.
लेकिन इस अध्ययन के नतीजे हमारी सलाह से मेल खाते हैं कि जिन लोगों को धमनी या दिल की बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं या दिल की बीमारी नहीं है उन्हे एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे लाभ कम और ख़ून बहने का ख़तरा बढ़ सकता है.
एस्पिरिन फॉ़र असिम्प्टोमैटिक एथरोस्क्लिरॉसिस (एएए) ने स्कॉटलैंड में 50 से लेकर 75 साल की आयु वाले ऐसे 28,980 पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया जिन्हे किसी तरह का हृदय रोग नहीं था.
इस अध्ययन के नतीजे स्पेन के बार्सिलोना शहर में यूरोपियन सोसायटी ऑफ़ कार्डियोलॉजी कॉंग्रेस को भेजे हैं.