शाकाहार करे और रोगों से दूर रहें

शाकाहार करे और रोगों से दूर रहें

शाकाहार स्वाभाविक और प्रकृतिक जीवनशैली का नाम है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह आपको पर्यावरण से जोड़ता है। वैश्वीकरण की इस दौड़ ने आम आदमी के जीवन में कितनी ही समस्याएं पैदा कर दी हैं। इसके बावजूद ऐसे करोड़ों लोग होंगे जो जीवन पर्यंत सिर्फ शाकाहार पर स्वाभाविक रूप से जीवनयापन करते हैं। वास्तव में शाकाहार मानव को प्रकृति का अनुपम उपहार है। दुग्ध उत्पाद,फल,सूखे मेवे, सब्जी और बीज सहित वनस्पति आधारित भोजन को ही शाकाहार कहते हैं।
केलिफोर्निया के हृदयरोग विशेषज्ञ डा. डीन ओरनिश के अनुसार केवल शाकाहार अपनाकर हृदय और कैंसर रोग को आसानी से ठीक किया जा सकता है।उनका कहना है की दवाईयां तो लेनी होगी लेकिन उनका असर सत्तर प्रतिशत तेजी से होगा। डा. डीन पहले ऐसे चिकित्सा विज्ञानी हैं जो रोगियों को बिना चीर फाड़ किए ठीक करने में यकीन करते हैं। उन्होंने इलाज के लिए आए मरीजों की खानपान की आदतें बदल कर उन्हें ठीक किया है।
ब्रिटेन में हुए एक ताजा अध्ययन के मुताबिक शाकाहारी लोगों में कैंसर और हृदय रोगों का जोखिम मांसाहारी लोगों की तुलना में 40 प्रतिशत और असमय मृत्यु का खतरा 20 प्रतिशत कम होता है।इस अध्ययन के मुताबिक मांसाहार के पक्ष में पर्यावरण, प्रकृति संतुलन और आसानी से पौष्टिक भोजन मिल जाने की जो दलीलें दी जाती हैं वे सब गलत साबित हुई हैं। अध्ययन के अनुसार मनुष्य की आंतों से लेकर पाचन संस्थान के तमाम अंग अवयव जिनमें जीभ, दांत, ओठ, हाथ पैर की अंगुलियां भी शामिल हैं, मांसाहार के लिए कतई उपयुक्त नहीं है।
शरीर स्वयं विकसित हुआ हो या प्रकृति ने बनाया हो वह अनाज और शाकपात से ही पोषक रस खींच सकता है। हजम करने के लिए मांस को जिस हद तक पकाया जाता है, वह गए गुजरे किस्म के अनाज से भी गया बीता हो जाता है। मनुष्य को स्वस्थ और पुष्ट रखने के लिए शाकाहार ही उपयुक्त है।