राग खमाज का परिचय
Submitted by Anand on 30 August 2021 - 8:21amभारतीय संगीत पद्धति के दस थाटों में से एक खमाज राग भी है. इसका वादी स्वर गांधार और संवादी निषाद है, आरोह में ऋषभ वर्जित है. निषाद शुद्ध, अवरोह कोमल और अन्य सभी शुद्ध स्वर लगते हैं. यह राग शृंगारप्रधान है. अत: इसके गाने का समय रात्रि का दूसरा पहर बताया गया है. इसका व्याकरण देखें तो इस राग की उत्पत्ति खमाज थाट से ही मानी गई है, यानी ये अपने थाट का आश्रय राग है.
यह राग शृंगारप्रधान है. अत: इसके गाने का समय रात्रि का दूसरा पहर बताया गया है. इसका व्याकरण देखें तो इस राग की उत्पत्ति खमाज थाट से ही मानी गई है, यानी ये अपने थाट का आश्रय राग है. Read More : राग खमाज का परिचय about राग खमाज का परिचय