राग मारू बिहाग का संक्षिप्त परिचय-
Submitted by Anand on 27 November 2019 - 8:47amराग मारू बिहाग का संक्षिप्त परिचय-
थाट-कल्याण
गायन समय-रात्रि का द्वितीय प्रहर
जाति-ओडव-सम्पूर्ण (आरोह मे रे,ध स्वर वर्जित हैं)
विद्वानों को इस राग के वादी तथा संवादी स्वरों मे मतभेद है-
कुछ विद्वान मारू बिहाग मे वादी स्वर-गंधार व संवादी निषाद को मानते है इसके विपरीत अन्य संगीतज्ञ इसमे वादी स्वर पंचम व संवादी स्वर षडज को उचित ठहराते हैं ।
प्रस्तुत राग मे दोनो प्रकार के मध्यम स्वरों ( शुद्ध म व तीव्र म ) का प्रयोग होता है । शेष सभी स्वर शुद्ध प्रयुक्त होते हैं । Read More : राग मारू बिहाग का संक्षिप्त परिचय- about राग मारू बिहाग का संक्षिप्त परिचय-