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अश्वगंधा के फायदे शरीर के लिए उत्तम प्रकार का टॉनिक

अश्वगंधा के फायदे शरीर के लिए उत्तम प्रकार का टॉनिक जिसका अर्थ संकट मोचन,घोड़े जैसी ताकत देने वाला,
अश्वगंधा । जिसका अर्थ उसके नाम में ही छुपा है -जिसकी घोडे जैसी महक हो । इसमें एक खास महक तो होती है पर वह घोडे जैसी होती है कि हाथी जैसी यह आप ख़ुद सूँघ कर देख लीजियेगा पर मैं यह ज़रूर आपको बताना चाहूंगा कि इसको खाने से घोडे जैसी ताकत जरूर आ जाती है ।
चूँकि हमारे ऋषियों ने इसे अश्वगंधा नाम दिया है तो सही ही दिया होगा।वैसे तो अश्वगंधा का प्रत्येक भाग-जड़ ,पत्तियां ,बीज और फल भी दवाई के रूप में प्रयोग होते हैं। परन्तु इसकी जड़ों का प्रयोग आम जन-मानस के लिए सरल है । इसकी जड़ें नर,नारी ,बालक ,बुजुर्ग सबके लिए एक टॉनिक का काम करती है।
जड़ों के चूर्ण का सेवन अगर तीन महीने तक बच्चों को करवाया जाए तो कमजोर बच्चों के शरीर का सही विकास होने लगता है । सामान्य आदमी अगर इसका प्रयोग करे तो उसके शरीर में स्फूर्ति ,शक्ति ,चैतन्यता तथा कान्ति[चमक]आ जाती है। यह जडी सभी प्रकार के वीर्य विकारों को मिटा करके बल-वीर्य बढाता है। साथ ही धातुओं को भी पुष्ट करती है। इसका सेवन करने से शरीर का दुबलापन भी ख़त्म हो जाता है और शरीर कि हड्डियों पर माँस भी चढ़ता है। साथ ही नसें भी सुगठित हो जाती हैं। लेकिन डरिये मत इससे मोटापा नहीं आता । गठिया, धातु, मूत्र तथा पेट के रोगों के लिए यह बहुत उपयोगी है। इससे आप खांसी, साँस फूलना तथा खुजली की भी दवा बना सकते हैं । इसका आप अगर नियमित सेवन शुरू कर दें तो आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ जायेगी जिसका दूर गामी परिणाम यह होगा कि आप लंबे समय तक युवा बने रहेंगे बुढापे के रोग आपसे काफ़ी समय तक दूर रहेंगे। महिलाओं कि बीमारी में यह जड़ काफी लाभकारी है। इसके नियमित उपयोग से नारी की गर्भ-धारण की क्षमता बढती है ,प्रसव हो जाने के उपरांत उनमें दूध कि मात्रा भी बढती है तथा उनकी श्वेत प्रदर, कमर दर्द एवं शारीरिक कमजोरी से जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके नियमित सेवन से हिमोग्लोविन तथा लाल रक्त कणों की सख्या में वृद्धि होती है । व्यक्ति की सामान्य बुद्धि का विकास होता है। कैंसर से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। गैस की बीमारी,एसिडिटी ,अल्सर ,जोडों का दर्द, ल्यूकोरिया तथा उच्च रक्तचाप में इसे आजमाकर देखिये । आप ख़ुद कहेंगे कि इसका नाम तो संजीवनी बूटी होना चाहिए।
अब मुख्य बात है कि इसका प्रयोग कैसे करें?
आप सामान्य तौर पर अश्वगंधा कि जड़ें पीसकर उसका चूर्ण बनालें । और [2ग्राम से 5ग्राम] सुबह खाली पेट पानी से निगल जाएँ फिर एक कप गर्म दूध या चाय पी लें .इस प्रक्रिया के दस मिनट बाद बाकी नाश्ता करें। कुछ जडी -बूटी सवेरे खाली पेट खाने से ज्यादा फायदा पहुंचाती है। यह २००/- से ५००/- रु० किलो तक बाज़ार में उपलब्ध है। अगर किसी बीमारी में इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो किसी वैद्य से थोड़ा राय-मशविरा कर लें। क्योकि हर बीमारी में इसकी मात्रा तथा इसे खाने का तरीका बदल जाता है। मेरी राय है कि आपको कोई बीमारी न हो तो भी प्रतिदिन इसका सेवन करें .चेहरे पर चमक तो बढेगी ही और कितना ही काम कर लें थकान से बुखार इत्यादि नहीं होगा । हरारत कि गोली खाने से छुटकारा मिल जायेगा । इसका वैज्ञानिक नाम Withania somnifera।