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गेंदे के फूल से बेमिसाल फायदे

गेंदा कसैला, स्वाद में कड़वा, ज्वरनाशक, संक्रमण नाशक होता है | रक्तस्त्राव को रोकने की विशेष क्षमता के कारन इसे रक्तप्रदर, बवासीर रक्तस्त्राव में विशेष तौर पर उपयोगी पाया गया है | इसे सामान्य चोट, मोच, सुजन पर बंधने से भी बहुत लाभ होता है |कीटाणुओं को दूर भगाने, उन्हें नष्ट करने का विशेष गुण होता है | गेंदें के फूलों में ऐसा सक्रिय तत्व पाया जाता है, जो मलेरिया फैलाने वाले एनाफिलिज जाती के मच्छरों को भगाने में काफी प्रभावशाली सिध्द हुआ है पानी में मिला दिया जाए, और घोल को लगभग 2 घंटे तक धुप में रखें, तो वह मच्छरों के लार्वा के लिए घातक सिध्द होता है | फूल के सत में उपस्थित गंधक का सम्मिश्रण सूर्य के प्रकाश से संश्लिष्ट होकर एक जहरीले पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है | अत: गेंदा मलेरिया जैसी बीमारी की रोकथाम का अचूक उपाय सिध्द हो सकता है | यु ही देखा गया है की गेंदें के पौधों के आसपास हानिकारक कीड़े और मच्छर दिखाई नहीं देते
1. स्तनशोथ :
गेंदे के पत्तों को पीसकर उसका लेप स्तन पर लगाएं और उस पर ब्रा पहनकर गरम सिंकाई करें, सुजन उतर जाएगी
2. दाद :
प्रभावित अंग पर गेंदें के फूलों का रस निकालकर 2-3 बार नियमित लगाएं |
3. कान का दर्द :
गेंदें के पत्तो का रस गर्म कर सह्निये अवस्था में पीड़ित कान में 2-3 बूंद की मात्रा में टपकाने से दर्द में शीघ्र आराम मिलेगा |
4. दुखती आँखों पर :
गेंदे के पत्तों को पीसकर टिकिया रूप में दुखती आँखों पर पलके बंद करके रखें और पट्टी से बान्धकर आराम करने से आँखों का दुखना बंद होता है |
5. वीर्य, स्तम्भन शक्ति बढ़ाने हेतु :
एक चम्मच गेंदे का बिज और इतनी ही मात्रा में मिसरी मिलाकर एक कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से कुछ हप्ते सेवन करने से वीर्य, स्त्म्भंशक्ति बढ़ती है |
6. गुदभ्रंस :
गेंदे के 10 ग्राम पत्ते, तथा 5 ग्राम मिसरी को 2 चम्मच पानी में पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होगा | यही प्रयोग पेशाब में दर्द, जलन और कठिनाई से उतरने में भी गुणकारी है |
7. दांत दर्द :
गेंदे के पत्तो का काढ़ा तैयार करके उससे 2-3 बार गरारे कर कुल्ला करते रहने से कष्ट दूर होगा |
8. चोट, मोच, सुजन :
गेंदे के सभी अंगो (पंचांग) का रस निकालकर चोट, मोच, सुजन पर लगाए व मालिश करें, आराम मिलेगा
9. दमा, खांसी में :
गेंदे के बीजो को समभाग मिसरी के साथ पीसकर एक चम्मच की मात्रा में एक कप पानी से 2-3 बार सेवन करने से इस कष्ट में लाभ होगा |
10 फोड़े-फुंसी, घाव :
गेंदे के पत्तो को पीसकर 2-3 बार लगाए |
11. बवासीर में रक्तस्त्राव :
फूल की पंखुड़ियों को 10 ग्राम की मात्रा में, थोड़े से घी में पकाकर दिन में 3 बार नियमित खाने से शीघ्र लाभ मिलता है |
12. हाथ पैर फटने पर :
गेंदे के पत्तो का रस वैसलीन में मिलाकर 2-3 बार लगाएं |
13..रक्त प्रदर:
फूलों का ५ -१० ग्राम रस सेवन करने से रक्त प्रदर में आराम मिलता है । फूलों के २० ग्राम चूर्ण को १० ग्राम शुद्ध घी में भूनकर सेवन करने से भी राहत मिलती है ।
14.मूत्र विकार :
१० ग्राम गेंदे के पत्ते पीसकर इसके रस में मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार पियें । पेशाब खुलकर आएगा ।
15 .बुखार को ठीक करने के:
बुखार को ठीक करने के लिए भी गेंदे का फूल उपयोगी होता है। गेंदे के फूल में एंटी- बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। गेंदे की चाय पीने से बुखार के लक्षण जैसे कांपना, संवेदनशीलता, बहुत ज्यादा ठंड लगना आदि नहीं होते हैं