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ख़तरनाक है सेक्स एडिक्शन

एडिक्शन यानी किसी चीज़ की लत लग जाना. बात करें अगर सेक्स एडिक्शन की तो यह एक ऐसी समस्या है, जो शारीरिक रूप से तो नहीं, लेकिन मानसिक और सामाजिक रूप से इससे पीड़ित व्यक्ति को बहुत नुक़सान पहुंचा सकती है. इससे पीड़ित व्यक्ति की कामेच्छा इतनी बढ़ जाती है कि नियंत्रण से बाहर हो जाती है. कई बार मरीज़ को इस बात का पता तक नहीं होता कि वो सेक्स एडिक्ट हो गया हैं और उन्हें ट्रीटमेंट की ज़रूरत है. सेक्स एडिक्शन को पहचानकर इसका सही इलाज कैसे कराएं? इसके बारे में बता रहे हैं साइकियाट्रिस्ट, साइकोसेक्सुअल कंसंल्टेंट एंड काउंसलर डॉ. पवन सोनार.
– यह एक बड़ी समस्या है.
– सेक्स करने की प्रबल इच्छा जब नियंत्रण से बाहर हो जाती है और हर समय व्यक्ति केवल सेक्स के बारे में ही सोचता रहता है, तो उसे सेक्स एडिक्ट कहते हैं. इसे एक मानसिक बीमारी भी कहा जा सकता है.
– केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी सेक्स एडिक्ट हो सकती हैं.
– सेक्स एडिक्ट होना और सेक्स के प्रति रुचि रखना दोनों में बहुत अंतर है.
– सेक्स एडिक्ट सेक्सुअल एक्टिविटी से इस कद्र घिरा हुआ रहता है कि उसका ध्यान तक नहीं रहता कि वो अपने पार्टनर, परिवार और ख़ुद को कितना नुक़सान पहुंचा रहा है.
– केवल कंट्रोल से बाहर सेक्सुअल एक्टिविटी करना ही सेक्स एडिक्शन नहीं है, बल्कि उस एक्टिविटी की वजह से पीड़ित व्यक्ति और उसके आसपास के लोगों पर पड़नेवाले उसके व्यवहार के नकारात्मक प्रभाव को सेक्स एडिक्शन कहा जा सकता है.
– कई बार सेक्स एडिक्शन इतना ख़तरनाक हो जाता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति निराश हो जाता है और आत्महत्या जैसा क़दम तक उठा लेता है. इस स्थिति को अब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर कहते हैं.
सेक्स एडिक्ट और सेक्सुअली एक्टिव होने में फ़र्क़
– सेक्स एडिक्ट होना एक समस्या है, जबकि सेक्सुअली एक्टिव होना कोई बीमारी नहीं है.
– हाई सेक्स ड्राइव होना सेक्स एडिक्शन नहीं है. दोनों में काफ़ी अंतर है.
– रोज़ाना मास्टरबेट करना सेक्स एडिक्शन नहीं है. मास्टरबेशन को सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.
– कभी-कभार पोर्न फिल्में देखना सेक्स एडिक्शन नहीं है.
– कभी-कभार पेपर, किसी क़िताब में या मोबाइल पर आए अश्लील मैसेजेस, फोटोज़ या वीडियोज़ देखना सेक्स एडिक्शन नहीं है.
– कभी कहीं आते-जाते रिविलिंग आउटफिट में किसी महिला पर नज़र चली जाए तो यह भी सेक्स एडिक्शन नहीं है.
– अपने पार्टनर के प्रति सेक्स की इच्छा होने या दिन में दो से तीन बार सेक्स करना भी सामान्य बात है.
– कभी-कभार मज़ाक-मस्ती में दोस्तों के बीच अश्लील बातें करना भी सेक्स एडिक्शन नहीं माना जा सकता है.
सेक्स एडिक्शन के संकेत
– सेक्स करने की इच्छा इतनी बढ़ जाए कि हर काम प्रभावित होने लगे.
– ऑफिस, घर, पढ़ाई आदि में ध्यान न लग पाना.
– सेक्सुअल एक्टिविटी के गंभीर परिणामों का अंदाज़ा होते हुए भी उस एक्टिविटी से बाहर न निकल पाना.
– दो-तीन बार पार्टनर के साथ सेक्स करने के बाद भी संतुष्ट न होना और दूसरी महिलाओं या पुरुषों के साथ संबंध बनाना.
– दिनभर पोर्न फिल्में देखना. सेक्स एडिक्ट्स कई बार ये भी ध्यान नहीं देते कि वो कहां हैं, ऑफिस, कॉलेज, सार्वजनिक जगह पर पोर्न वीडियोज़ या फोटोज़ देखने लगते हैं.
– मास्टरबेट करने पर भी संतुष्टि न मिलना.
– सैडेस्टिक व्यवहार यानी पार्टनर के साथ निर्दयतापूर्वक सेक्स करने में ख़ुशी मिलना.
– ज़्यादा से ज़्यादा समय सेक्स और सेक्सुअल एक्टिविटीज़ के बारे में सोचते रहना.
– सेक्सुअल गतिविधियों पर पैसे खर्च करना.
– सेक्सुअल एक्टिविटीज़ से दूर होने पर ग़ुस्सा, बेचैनी, उदासी, कुंठा, एकाग्रता की कमी आदि महसूस होने लगना.
भावनात्मक लक्षण
– सेक्स एडिक्ट्स अपने पार्टनर के अलावा अनजान लोगों के साथ भी आसानी से सेक्स कर लेते हैं.
– मन से बेहद कमज़ोर होते हैं. उन्हें हमेशा इस बात का डर रहता है कि उनका पार्टनर उन्हें अकेला छोड़ देगा, इसलिए वो किसी भी रिश्ते में ज़्यादा इन्वॉल्व नहीं होते या एक रिलेशनशिप से दूसरे रिलेशनशिप की ओर बढ़ जाते हैं. किसी भी रिलेशनशिप में वो सेक्स के अलावा और कुछ याद नहीं रखते हैं.
– अकेलापन, डर, अधूरापन, अपराधबोध आदि महसूस होना.
सेक्स एडिक्शन के कारण
– जेनेटिक या आनुवांशिक.
– परिवेश या माहौल का असर, जहां वो पला-बढ़ा हो.
– स्ट्रेस या तनाव का असर.
– टेक्नोलॉजी का ग़लत इस्तेमाल, जैसे- मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर पर आसानी से उपलब्ध इंटरनेट और इंटरनेट पर लाखों पोर्न साइट्स.
– कई बार व्यक्ति का अकेलापन भी उसे सेक्स एडिक्ट बना सकता है. बिज़ी होती लाइफ में अपनों से दुरियां, समय का अभाव, बढ़ते प्रेशर और आपस में बातचीत की कमी ने लोगों के व्यवहार में बदलाव ला दिया है.
सेहत को कैसे पहुंचता है नुक़सान?
– सेक्स एडिक्ट कई पार्टनर्स के साथ सेक्स संबंध बनाता है, जिसकी वजह से यौन रोग व सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ होने का ख़तरा रहता है.
– इससे पीड़ित व्यक्ति की कामेच्छा अगर शांत नहीं होती है, तो वह बेचैन व चिंतित हो जाता है. कई बार वह हिंसक या आक्रामक हो जाता है.
– सेक्स एडिक्ट महिलाओं में लगभग 70 फ़ीसदी महिलाएं कम से कम एक अनवांटेड प्रेग्नेंसी की शिकार हो जाती हैं.
मनोवैज्ञानिक विकार
– शर्म, अकेलापन व अधूरापन महसूस होता है, जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति चिंता, डिप्रेशन का शिकार हो जाता है.
– तनाव में पीड़ित अल्कोहल का सेवन ज़्यादा करने लगता है.
कुछ और नकारात्मक प्रभाव
– ऐसे व्यक्ति के कामकाज और उसकी करियर ग्रोथ पर असर होता है. इस एडिक्शन की वजह से वह काम पर ध्यान नहीं दे पाता है. कई बार इससे पीड़ित व्यक्ति की जॉब तक चली जाती है, जिससे उसे आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.
– शादीशुदा व्यक्ति अगर इस एडिक्शन का शिकार हो, तो उसकी शादीशुदा ज़िंदगी पर असर हो सकता है.
– परिवार, दोस्त, पड़ोसी व समाज ऐसे लोगों से दूरी बना लेते हैं.
कहीं आप तो नहीं सेक्स एडिक्ट?
सेक्स एडिक्शन के शिकार लोगों को पता नहीं होता कि उन्हें इस तरह की कोई समस्या है. कुछ बातों पर ध्यान देकर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप तो नहीं बढ़ रहे हैं इस एडिक्शन की ओर.
– अमेरिका के साइकियाट्रिक एसोसिएशन के मुताबिक़ अगर कोई भी व्यक्ति अपने अंदर 6 महीने से लगातार सेक्स की तीव्र इच्छा महसूस कर रहा है और उस इच्छा पर उसका नियंत्रण नहीं है, तो यह सेक्स एडिक्शन का पहला लक्षण हो सकता है.
– सेक्स को लेकर मन में लगातार नई-नई भावनाएं, साजिश या कोई प्लानिंग चल रही हो.
– कामेच्छा पर कंट्रोल करने की वजह से चिड़चिड़ापन या तनाव महसूस कर रहे हों.
– कामेच्छा इतनी बढ़ जाए कि समाज, परिवार, दोस्त, सम्मान, पैसों का साथ छूटने का डर भी अगर ख़त्म हो गया हो.
– पोर्न साइट्स, अश्लील फोटो देखे बगैर न रह पाना.
– फोन पर अश्लील या सेक्स से जुड़ी बातें करना, तस्वीरें भेजना या अपने प्राइवेट अंगों को दूसरों को दिखाने के लिए आतुर रहना.
क्या है सेक्स एडिक्शन का इलाज?
डॉ. सोनार का कहना है कि अगर सेक्स एडिक्शन के कोई भी लक्षण आप में हों या किसी परिचित में नज़र आए, तो उन्हें ट्रीटमेंट की ज़रूरत है.
– इससे पीड़ित व्यक्ति को किसी अच्छे सायकोलॉजिस्ट या साइकियाट्रिस्ट के पास जाना चाहिए.
– कुछ दवाइयां और साइकोथेरेपी की मदद से मरीज़ बिल्कुल ठीक हो सकता है.
– अगर किसी परिचित में आपको सेक्स एडिक्शन के लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो उससे इस बारे में बात करने की कोशिश करें. साथ ही उसे समझाएं कि वो इस लत से छुटकारा पाने के लिए किसी प्रोफेशनल की मदद ले.
ये तरी़के भी हैं कारगर
– योग करें. मन में सकारात्मक विचार लाएं.
– जॉगिंग, लॉन्ग वॉक आदि से भी फ़र्क़ पड़ेगा.
– परिवार के साथ ज़्यादा से ज़्यादा व़क्त बिताएं. उनके साथ कहीं बाहर घूमने जाएं.
– कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप से कुछ व़क्त के लिए इंटरनेट निकाल दें. केवल काम के लिए ही इंटरनेट का उपयोग करें.
– अपना पसंदीदा काम करें और उसमें बिज़ी रहें.
– संगीत सुनें.
– सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों.
– अकेले न रहें. अच्छे दोस्त बनाएं और अपनी बातें उनसे शेयर करें.
ख़तरनाक हो सकता है सेक्स एडिक्शन
सेक्स एडिक्शन जब हद से ज़्यादा बढ़ जाए, तो व्यक्ति कई बार आपराधिक गतिविधियों जैसे- अश्लील फोन कॉल्स करना, बच्चों के साथ छेड़छाड़, बलात्कार आदि में शामिल हो जाता है.
ऐप्स से भी मिल सकती है मदद
कई ऐप्स भी हैं, जिनकी मदद से सेक्स एडिक्शन से छुटकारा पाया जा सकता है. प्ले स्टोर से आप इन्हें आसानी से मुफ़्त में डाउनलोड कर सकते हैं. कुछ ऐप्स के नाम यहां दिए जा रहे हैं-
– ऐंड सेक्स एंड पोर्न एडिक्शन
– मस्ट क्विट- पोर्न एडिक्शन
– हाउ टु स्टॉप पोर्न एडिक्शन
दिल्ली में सेक्स एडिक्शन का इलाज
सेक्स एडिक्ट एनोनिमस सेंटर पर सेक्स एडिक्शन से पीड़ित मरीज़ों का इलाज किया जाता है. महिला और पुरुष दोनों ही यहां अपना इलाज करवा सकते हैं. यह भारत का पहला ऐसा सेंटर है, जहां सेक्स की लत से परेशान लोग अपनी परेशानियों के बारे में खुलकर बात कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए आप इनकी वेबसाइट-http://www.saa-recovery.org से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.