राग मुलतानी
Submitted by Anand on 27 November 2019 - 9:23amराग मुलतानी
थाठ: तोड़ी वादी: प संवादी: सा जाति: औडव-संपूर्ण आरोह में रे और ध वर्जित स्वर हैं गायन समय: दिन का चौथा प्रहर स्वर:- कोमल रे, कोमल ग, तीव्र म का प्रयोग, बाकी सब स्वर शुद्ध
नीचे आप जहाँ भी ~ चिन्ह देखें, ये मीड़ दर्शाने के लिये है।
और () खटका दिखाने के लिये। अर्थात अगर (सा) दिखाया गया है तो इसे 'रे सा ऩि सा' गाया जायेगा।
राग परिचय:
आरोह: ऩि सा म॑~ग॒ म॑~प, नि सां।
अवरोह: सां नि ध॒ प, म॑ ग॒ म॑ ग॒, रे॒ सा।
पकड़: ऩि सा म॑~ग॒ ऽ म॑ प, म॑ ग॒ म॑ ऽ ग॒ रे॒ सा। Read More : राग मुलतानी about राग मुलतानी