संपर्क : 7454046894
एचपीवी और गर्भावस्था

एचपीवी को अनुबंधित करने से आपके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। यदि आप गर्भवती हैं और आपको एचपीवी है, तो आमतौर पर डिलीवरी के बाद ही इसका ट्रीटमेंट लें। हालांकि, कुछ मामलों में एचपीवी संक्रमण जटिलताओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन जननांग मस्सों के बढ़ने का कारण बन सकते हैं, कुछ मामलों में इन मस्सों से खून भी बह सकता है। जब मस्से बर्थ कनाल को ब्लॉक करते हैं, तो सी-सेक्शन डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। दुलर्भ मामलों में एचपीवी से पीड़ित महिला की यह बीमारी उसके बच्चे में भी ट्रांसफर हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो दुलर्भ व गंभीर स्थिति जिसे रीकरंट रेस्पीरेटरी पैपिलोमैटोसिस उत्पन्न हो सकती है। ऐसे हालातों में बच्चे अपने वायुमार्ग में एचपीवी से संबंधित विकास को विकसित करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा से जुड़े बदलाव भी हो सकता है, इसलिए गर्भवती होने के दौरान गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और एचपीवी की नियमित जांच जरूर करानी चाहिए।