कलौंजी एक फायदे अनेक : कलयुग में संजीवनी है कलौंजी (मंगरैला)

कलौंजी एक फायदे अनेक : कलयुग में संजीवनी है कलौंजी (मंगरैला)

कलौंजी का पौधा सौंफ के पौधे से थोड़ा छोटा होता है। इसके फूल हल्के नीले व पीले रंग के होते हैं और इसके आकार तारे के समान होते हैं। लगभग घरों में होते हुए भी आप इसके गुणों से अब तक अनजान है ..! पूरी तरह संतृप्त किए गए बीज में जिंदगी की अत्यधिक ताकत होती है। ब्लैक सीड यानी कलौंजी के सेवन से आपका भविष्य रोग मुक्त बनता है। कलौंजी को रोमन कोरिएंडर, ब्लैक सीसेम, ब्लैक क्यूमिन, ब्लैक कैरावे तथा अनियन सीड के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल औषधि, मसाले तथा सौंदर्य प्रसाधनों के तौर पर किया जाता है।

कैसे करें इसका सेवन :

* कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है।
* एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन करें।
* पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पीएं।
* दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पीएं।
* कलौंजी को ग्राइंड करें तथा पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।
* कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर इसका सेवन करें।

अध्यन क्या कहते हैं :

टाइप-2 डायबिटीज : प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणाम स्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।
मिर्गी : 2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन दौरे को कम करता है।

उच्च रक्तचाप : 100 या 200 मिलीग्राम कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लड प्रैशर कम होता है।

दमा : कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग:

इसके फूल सर्दीकी शुरुआती अवस्था में और फल सर्दियों में लगते हैं। फूल के गिरने के बाद इसमें आधे इंच लंबे काले फल लगते हैं। फल के अन्दर काले या गहरे भूरे रंग के बीज होते हैं जो तीखा और सुगंधित होता है। इस बीज को ही कलौंजी कहते हैं।

बीज 2 से 3 मिलीमीटर लंबे और 2 मिलीमीटर चौड़े होते हैं। बीज ऊपर से खुरदरा और अन्दर से चिकना होता है। कलौंजी के पत्ते एक साथ जुड़े रहते हैं। कलौंजी का प्रयोग मसाले और अनेक रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। कलौंजी का प्रयोग यूनानी दवाओं को बनाने में ज्यादा किया जाता है।

ये किसी हकीम ने सच ही कहा था .."मौत को छोड़ कर हर मर्ज़ की दवा है.....! "

* कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है।
* कलौंजी वनस्पति पौधे के बीज है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, शहदया पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है।
* कलौंजी के तेल में एक अलग प्रकार की चर्बी के टुकड़ा होता है। लिर्नोलेटिक टुकड़ा 60 प्रतिशत और पाश्मेहिक टुकड़ा लगभग 11 प्रतिशत इसमें प्राप्त हैं। इसलिए इसमें स्वतंत्र अम्ल 40 अथवा उससे भी ज्यादा हो सकते है। यह कार्बनिक तेल को आसानी से पानी के रूप में बदल देता है। अधिकतर कलौंजी के बीजों को ही औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीजों में एक सेपोनिन नामक पदार्थ होता है। इसके बीजों में निजेलीन नामक कडुवा पदार्थ भी होता है।
* कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ करने वाला होता है। इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर होता है। कलौंजी का तेल सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समयस्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है।
* कलौंजी मूत्र लाने वाला, वीर्यपात को ठीक करने वाला और मासिक-धर्म के कष्टों को दूर करने वाला होता है।

विभिन्न भाषाओं में इसके नाम :-

हिन्दी में कलौंजी या मंगरैला कहते है
अंग्रेजी में स्माल फनेल
संस्कृत में इसे कलवंचिका, कालाजाजी
बंगाली में मुगरेला
गुजराती में कलौंजी
मराठी में कलौंजी
लैटिन में नाइगेला सेटाइवा आदि नाम है ...

आज इसका तेल केसे बनाया जाता है इसके बारे में भी आपको अवगत कराते है ...

कलौंजी का तेल बनाने की विधि :-
250 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई लीटर पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक लीटर पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।

कलौंजी का रसायनिक विश्लेषण:-

इसके बीजों में एक लाल व भूरे रंग का स्थिर तेल 31 प्रतिशत होता है। इसमें पीला भूरा उड़नशील तेल 0.5 से 1.6 प्रतिशत होता है। उड़नशील तेल में कार्बन 45 से 60 प्रतिशत की मात्रा में होता है। इसमें डीलाइमोनिन और साइमिन तत्त्व होते हैं। इनके अलावा श्वासनलिका प्रसारक तत्त्व, नाइगेलन, शर्करा, विशाक्त ग्लूकोसाइड, पिच्छिल सेन्द्रिय अम्ल आदि भी होते हैं।
अधिक मात्रा में कलौंजी सेवन करने से दर्द, भ्रम, उत्तेजना आदि पैदा हो सकता है। त्वचा, किडनी, आंत, आमाशय और गर्भाशय पर कलौंजी का उत्तेजक प्रभाव पड़ता है। कलौंजी का सेवन करते समय नींबूको न खाएं।

मात्रा :- यह 1 से 3 ग्राम की मात्रा में उपयोग किया जाता है।
 

  • ये किन -किन रोगों में सहायक है :-

* जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर होकर बाल उग आते हैं।
* कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं।
* कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त    अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।
* कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।
* कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघने से और कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है।
* 10 ग्राम कलौंजी को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ रात सोते समय कुछ दिन तक नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।
* कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा दूर होती है।
* रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है। तथा 28 मिलीलीटर जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मालिश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।
* आधे कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद व आधे चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लें। इससे पोलियों का रोग ठीक होता है।
* सिरके में कलौंजी को पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर लगाएं और सुबह पानी से चेहरे को साफ करने से मुंहासे कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं।
* आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जाएं और केवल तेल ही रह जाएं। इसके बाद इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें। इससे सर्दी-जुकाम ठीक होता है। यह पुराने जुकाम भी लाभकारी होता है।
* एक चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
* स्फूर्ति (रीवायटल) के लिए नांरगी के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करने से आलस्य और थकान दूर होती है।
* कलौंजी को रीठा के पत्तों के साथ काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग समाप्त होता है।
* आंखों की लाली, मोतियाबिन्द, आंखों से पानी का आना, आंखों की रोशनी कम होना आदि। इस तरह के आंखों के रोगों में एक कप गाजर का रस, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2बार सेवन करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक होते हैं। आंखों के चारों और तथा पलकों पर कलौंजी का तेल रात को सोते समय लगाएं। इससे आंखों के रोग समाप्त होते हैं। रोगी को अचार, बैंगन, अंडा व मछली नहीं खाना चाहिए।
* एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक व मानसिक तनाव दूर होता है।
* कलौंजी के तेल को गांठो पर लगाने और एक चम्मच कलौंजी का तेल गर्म दूध में डालकर पीने से गांठ नष्ट होती है।
* पिसी हुई कलौंजी आधा चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है।
* यदि रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें। इससे स्वप्नदोष दूर होता है।
* प्रतिदिन कलौंजी के तेल की चार बूंद एक चम्मच नारियल तेल में मिलाकर सोते समय सिर में लगाने स्वप्न दोष का रोग ठीक होता है। उपचार करते समय नींबू का सेवन न करें।
* चीनी 5 ग्राम, सोनामुखी 4 ग्राम, 1 गिलास हल्का गर्म दूध और आधा चम्मच कलौंजी का तेल। इन सभी को एक साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से कब्ज नष्ट होती है।
* एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबाल लें और इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें। इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

* किसी भी कारण से पेट दर्द हो एक गिलास नींबू पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीएं। उपचार करते समय रोगी को बेसन की चीजे नहीं खानी चाहिए। या चुटकी भर नमक और आधे चम्मच कलौंजी के तेल को आधा गिलास हल्का गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है। या फिर 1 गिलास मौसमी के रस में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।

* आधा चम्मच कलौंजी का तेल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से उल्टी बंद होती है।
3 चम्मच करेले का रस और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय पीने से हार्निया रोग ठीक होता है।
* कलौंजी के तेल को ललाट से कानों तक अच्छी तरह मलनें और आधा चम्मच कलौंजी के तेल को 1 चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर दर्द ठीक होता है।
* कलौंजी खाने के साथ सिर पर कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर मालिश करें। इससे #सिर दर्द में आराम मिलता है और सिर से सम्बंधित अन्य रोगों भी दूर होते हैं।
* एक कप गर्म पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मिर्गी के दौरें ठीक होते हैं। मिर्गी के रोगी को ठंडी चीजे जैसे- अमरूद, केला, सीताफल आदि नहीं देना चाहिए।
* एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार सुबह खाली पेट और रात को सोते समय 1 सप्ताह तक लेने से पीलिया रोग समाप्त होता है। पीलिया से पीड़ित रोगी को खाने में मसालेदार व खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।
* एक गिलास अंगूर के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 3 बार पीने से कैंसर का रोग ठीक होता है। इससे आंतों का कैंसर, ब्लड कैंसर व गले का कैंसर आदि में भी लाभ मिलता है। इस रोग में रोगी को औषधि देने के साथ ही एक किलो जौ के आटे में 2 किलो गेहूं का आटा मिलाकर इसकी रोटी, दलिया बनाकर रोगी को देना चाहिए। इस रोग में आलू, अरबी और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। कैंसर के रोगी को कलौंजी डालकर हलवा बनाकर खाना चाहिए।
* कलौंजी का तेल और लौंग का तेल 1-1 बूंद मिलाकर #दांत व मसूढ़ों पर लगाने से दर्द ठीक होता है। आग में सेंधानमक जलाकर बारीक पीस लें और इसमें 2-4 बूंदे कलौंजी का तेल डालकर दांत साफ करें। इससे साफ व स्वस्थ रहते हैं।
* दांतों में कीड़े लगना व खोखलापन: रात को सोते समय कलौंजी के तेल में रुई को भिगोकर खोखले दांतों में रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।

* रात में सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।
कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से मासिकधर्म शुरू होता है। इससे गर्भपात होने की संभावना नहीं रहती है।
* कलौंजी और गाजर के बीज समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और यह 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें। इससे गर्भपात हो जाता है।
* 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से बालों को धोएं। इससे बाल लम्बे व घने होते हैं।
* बेरी-बेरी रोग में कलौंजी को पीसकर हाथ-पैरों की सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है।
* जिन माताओं बहनों को मासिकधर्म कष्ट से आता है उनके लिए कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मासिकस्राव का कष्ट दूर होता है और बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
* कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से #ऋतुस्राव की पीड़ा नष्ट होती है।
मासिकधर्म की अनियमितता में लगभग आधा से डेढ़ ग्राम की मात्रा में कलौंजी के चूर्ण का सेवन करने से मासिकधर्म नियमित समय पर आने लगता है।
* 50 ग्राम कलौंजी को सिरके में रात को भिगो दें और सूबह पीसकर शहद में मिलाकर 4-5 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे भूख का अधिक लगना कम होता है।
* कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करने से मासिकस्राव शुरू होता है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।
* यदि मासिकस्राव बंद हो गया हो और पेट में दर्द रहता हो तो एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे बंद #मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
* स्त्रियों के चेहरे व हाथ-पैरों की सूजन: कलौंजी पीसकर लेप करने से हाथ पैरों की सूजन दूर होती है।
* कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर पीने से नपुंसकता दूर होती है।
* कलौंजी आधे से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से स्तनों का आकार बढ़ता है और स्तन सुडौल बनता है।
* कलौंजी को आधे से 1 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से #स्तनों में दुध बढ़ता है।
* 50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीस लें और इसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस व 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप बना लें। यह लेप खाज-खुजली में प्रतिदिन लगाने से रोग ठीक होता है।
* नाड़ी का छूटना के लिए आधे से 1 ग्राम कालौंजी को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर होता है और नाड़ी की गति भी तेज होती है। इस रोग में आधे से 1ग्राम कालौंजी हर 6घंटे पर लें और ठीक होने पर इसका प्रयोग बंद कर दें। ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है।
* एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। तथा कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में मठ्ठे के साथ प्रतिदिन 3-4 बार सेवन से हिचकी दूर होती है। या फिर कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम मक्खन के साथ खाने से हिचकी दूर होती है। और यदि आप काले उड़द चिलम में रखकर तम्बाकू के साथ पीने से हिचकी में लाभ होता है।
* 3 ग्राम कलौंजी पीसकर दही के पानी में मिलाकर खाने से हिचकी ठीक होती है।
* कलौंजी को पीसकर लेप करने से नाड़ी की जलन व सूजन दूर होती है।
* लगभग 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी को पीसकर 2 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
* कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।
* कलौंजी के बीजों को गर्म करके पीस लें और कपड़े में बांधकर सूंघें। इससे सिर का दर्द दूर होता है। कलौंजी और काला जीरा बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और माथे पर लेप करें। इससे सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
* कलौंजी को लगभग एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम प्रसूता स्त्री को देने से स्तनों में दूध बनता है।
* कलौंजी, जीरा और अजवाइन को बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद लेने से पेट का गैस नष्ट होता है।
* 250 मिलीलीटर दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
* एक चुटकी नमक, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच घी मिलाकर छाती और गले पर मालिश करें और साथ ही आधा चम्मच कलौंजी का तेल 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे दमा रोग में आराम मिलता है।
* 250 ग्राम कलौंजी पीसकर 125 ग्राम शहद में मिला लें और फिर इसमें आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार खाली पेट सेवन करें। इस तरह 21 दिन तक पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
* यदि चोट या मोच आने के कारण शरीर के किसी भी स्थान पर सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए कलौंजी को पानी में पीसकर लगाएं। इससे सूजन दूर होती है और दर्द ठीक होता है। कलौंजी को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है।

* दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से स्नायु की पीड़ा समाप्त होती है।
* 20 ग्राम कलौंजी को अच्छी तरह से पकाकर किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम ठीक होता है।
* जैतून के तेल में कलौंजी का बारीक चूर्ण मिलाकर कपड़े में छानकर बूंद-बूंद करके नाक में डालने से बार-बार जुकाम में छींक आनी बंद हो जाती हैं और जुकाम ठीक होता है। कलौंजी को सूंघने से जुकाम में आराम मिलता है।
* कलौंजी की भस्म को मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर का रोग समाप्त होता है।
* वात रोग में कलौंजी के तेल से रोगग्रस्त अंगों पर मालिश करने से वात की बीमारी दूर होती है।
* यदि बार-बार छींके आती हो तो कलौंजी के बीजों को पीसकर सूंघें।

 

Vote: 
1
Average: 1 (1 vote)

New Health Updates

S.No Total views Views today
1 आप लिंग को योनि में कैसे डालते हैं? 28,798 53
2 स्त्रियों के ये अंग होते हैं सबसे ज्यादा कामुक 62,256 48
3 गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के उपाय 534 31
4 प्रेगनेंसी में डांस करने के तरीके 3,579 21
5 क्या है दुनिया का सबसे सेहतमंद खाना 7,709 17
6 कैसे पहचाने की आप ज्यादा पानी पी रहे है 334 16
7 लड़की के गर्लफ्रेंड बनने के इशारे 646 16
8 कैसे जाने कि लड़का मुझसे प्यार करता है 476 15
9 अगर लड़की आपकी गर्लफ्रेंड तरह काम करे 563 15
10 कैसे जाने कि वो मुझसे प्यार करता है 405 14
11 लिंग को बड़ा लम्बा और मोटा करने के घरेलू उपाय 214,167 12
12 पति पत्नी के बीच में लड़ाई होने का कारण 407 12
13 नारियल के तेल से लिंग की लंबाई और मोटाई बढ़ाने के लिए इसे कैसे इस्तेमाल करें? 3,816 11
14 लड़की या औरत को कैसे गर्म करें घरेलू उपाय 36,834 11
15 दांतों में दाग-धब्‍बे और पीलापन आपकी चांद जैसी मुस्‍कान में ग्रहण लगा देते हैं। 4,060 11
16 लड़कों को समझने के तरीके 318 11
17 बेटी की बिदाई- मां के लिए बड़ी चुनौती है इस प्रकार 5,567 11
18 लड़की दे ये 8 संकेत तो समझ जाएँ वो आपसे प्यार करती हैं 418 10
19 दोस्त बनाने के सबसे आसान तरीके 8,487 10
20 क्या है आई वी एफ की प्रक्रिया, जानें 5,135 9
21 बच्चा कैसे होता है 966 9
22 पानी पीने के लिए खुद को प्रेरित करने के तरीके 307 9
23 पति पत्नी के बीच लड़ाई खत्म करने के लिए शब्दों का वार न करें 296 9
24 सोने के समय ये करें ये बिल्कुल न करें 4,427 8
25 गर्लफ्रेंड रिलेशनशिप में सीरियस है तो ये संकेत देगी 320 8
26 हनीमून क्या है? 366 8
27 प्रेगनेंसी में किस प्रकार का डांस करना चाहिए? 3,562 8
28 शरीर में शुगर है तो जान ले ये संकेत 265 7
29 दिन में कितने घंटे सोना चाहिए 310 7
30 सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ये पिल काम कैसे करती है? 317 7
31 गुलाब के औषधीय गुण 7,513 7
32 आखें लाल हो तो करें ये उपाय 8,516 7
33 प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे सही उम्र क्या है? 389 7
34 शरीर में रक्त की कमी का होना, रक्त की कमी पूरी करने के लिए क्या करें, जानें 10,440 7
35 लड़कियां लड़कों में क्या देखती है 229 6
36 ज्यादा पानी पीने के कुछ शुरूआती लक्षण में शामिल है 228 6
37 लड़कों की ऑंखें सबसे ज्यादा पसंद करती है लड़कियां 370 6
38 गूलर के औषधीय गुण 381 6
39 क्या आपका बच्चा चाय पीता है, तो जरूर पढ़ें 4,673 6
40 कब सेक्स के लिए पागल रहती है महिलाएं 269,752 6
41 मक्का के दाने खाने का फ़ायदा 7,572 6
42 पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है? 339 6
43 लड़के के दिल की बात कैसे जाने 322 5
44 क्या है आई वी एफ की प्रक्रिया, जानें 4,776 5
45 लड़के के दिल की बात समझने के तरीके 308 5
46 सर दर्द से राहत के लिए करें ये घरेलु उपचार 7,313 5
47 मूंग की खेती इस प्रकार करें 8,421 5
48 कान दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज 1,277 5
49 पत्नी अपने पति को धोखा क्यों देती है 334 5
50 स्वास्थ्य क्या है जाने और एक प्रकार के विज्ञान की तरह 4,061 5
51 किशमिश स्वस्थ के लिए ज़रूरी 5,914 5
52 सेहत बनाने के लिए क्या करना चाहिए 239 5
53 कितना पानी पीना बहुत ज्यादा होगा 305 5
54 कमर पतली बनाने के लिए करें अतिसरल सुझाव और जाने इसको बनाने के तरीके 15,114 5
55 गूलर के औषधीय गुण, गुप्त रोगों के लिए है चमत्कारी 630 5
56 पति पत्नी की लड़ाई का उपाय 398 5
57 लड़की को सेक्स के लिए गरम करने के लिए नितंबों से खेले 1,022 5
58 हस्तमैथुन कितने दिन में करना चाहिए 8,449 5
59 जल्द घसीटना शुरू कर देते है शीतकाल में जन्म लेने वाले बच्चे 6,458 5
60 हार्मोनल असंतुलन के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार 1,202 5
61 हनीमून को एन्जॉय करने के लिए तैयारी और टिप्स 259 5
62 पुत्र प्राप्ति के लिए हमें क्या करना चाहिए, जानें लड़के का गर्भ धारण करने के लिए क्या करें 458 5
63 चुकंदर खाने के फ़ायदे 3,171 5
64 बिस्तर पर पति पत्नी के बीच खत्म हो जाती है लड़ाई 571 5
65 माँ का दूध बढ़ाने के तरीके 14,063 5
66 पति और पत्नी के बीच लड़ाई खत्म करने का तरीका माफ़ करें 276 5
67 बेवफा औरत की पहचान 318 4
68 सफेद बालों को काला करने के घरेलू उपाय 989 4
69 केसर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 4,007 4
70 गर्लफ्रेंड रिलेशनशिप में सीरियस है तो ये संकेत देगी 710 4
71 आँखों का लाल होना जानिये हमारी आँखे क्यों लाल होती है कारण और लक्षण तथा समाधान 18,845 4
72 इसलिए छोटे कद की लड़कियों से सम्बन्ध बनाना ज्यादा पसंद करते है लड़के 31,376 4
73 पेट दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज 339 4
74 समयपूर्व स्खलन या प्रीमैच्योर इजैकुलेशन से निपटने का सबसे बेहतर उपाय है स्क्वीज टेक्नीक, जानें कैसे करें अभ्यास 261 4
75 ओवुलेशन क्या है ? 182 4
76 दूध को इस प्रकार पिये 7,781 4
77 दर्द से राहत पाने के लिए हंसी के फायदे 232 4
78 पक्का आम खाने के फायदे 3,894 4
79 गूलर के औषधीय गुण दे सफ़ेद पानी/ श्वेत प्रदर में लाभ 205 4
80 कम समय में बार-बार स्खलित होना​ 728 4
81 मेकअप करने का तरीका स्टेप बाय स्टेप 295 4
82 कान के पीछे सूजन लिम्फ नोड्स: उपचार तथा कारण का निवारण इस प्रकार करें 31,393 4
83 पेनिस की खुजली की अन्य स्थितियों में निम्न प्रकार के लक्षण रोग की गंभीरता को प्रगट कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: 872 4
84 अपने शरीर के बारे में सहज महसूस न करना 379 4
85 तैलीय त्वचा से छुटकारा पाने के आसान उपाय 1,350 4
86 मेकअप करने का स्टेप 5: फाउंडेशन पाउडर 265 4
87 पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत के लिए घरेलू उपाय 1,782 4
88 फोन पर बात करके करें रोमांस 373 4
89 सफेद बालों के लिए घरेलू उपचार 222 4
90 बच्चों में उल्टी होने के कारण, लक्षण और उपचार 1,809 4
91 हनीमून पर एक दूसरे की मालिश करें 329 4
92 मुझे कब कंडोम लगाना चाहिए? 296 4
93 मसालों से असल में कितना फ़ायदा होता है? 192 4
94 स्टार्ट-स्टॉप मेथड आपको कितने समय तक करनी चाहिए 284 4
95 ब्रेस्‍ट सुडौल और आकर्षक बनाने के घरेलू नुस्खे 8,482 4
96 लड़की आपकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती है यदि वह आपकी ओर झुकती है 283 4
97 फिशर के कारण, लक्षण और उपाय 1,154 4
98 गर्भवती होने के लिए कब करें सेक्स का उदाहरण 3: 374 4
99 कफ और खांसी को जड़ से मिटाता हैये काढ़ा 240 4
100 हनीमून की तैयारी करने के लिए टिप्स 262 4