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व्यायाम से बढ़ता है दिमाग़
कैब्रिज़ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के ताज़ा शोध में पता चला है कि नियमित व्यायाम से मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.
शोध के नतीज़े नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस की पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं. इसके मुताबिक़ चूहों पर किए गए स्मृति परीक्षण में व्यायाम का काफ़ी असर पड़ा.
जिन चूहों ने व्यायाम किया उनके मस्तिष्क के एक ख़ास हिस्से में नई कोशिकाएँ विकसित हुईं जबकि व्यायाम न करने वाले चूहों में ऐसा नहीं हुआ.
नई कोशिकाएँ
अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि चीज़ों को पहचानने की क्षमता में आए सुधार के पीछे इन नई कोशिकाओं का ही हाथ है.
कैंब्रिज़ विश्वविद्यालय के प्रयोगात्मक मनोविज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों और बाल्टीमोर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजिंग के शोधकर्ताओं का का उद्देश्य यह पता लगाना था कि व्यायाम से मस्तिष्क की सक्रियता क्यों बढ़ जाती है.
इससे पहले हुए अध्ययन बताते हैं कि व्यायाम से जानवरों और इंसान दोनों के मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ाने में मदद मिलती है.
ताज़ा अध्ययन के नतीज़े बताते हैं कि व्यायाम करने वाले चूहे समान तरह की स्मृतियों में भेद करना सीख जाते हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक़ ऐसा व्यायाम के कारण मस्तिष्क में बनी नई कोशिकाओं के कारण हुआ.
अध्ययन चूहों के दो समूहों पर 105 दिन तक किया गया. इन चूहों को खाने की गोली पाने के लिए कंप्यूटर स्क्रीन पर बने बॉक्स को छूने के लिए प्रशिक्षित किया गया.
बेहतर प्रदर्शन
चूहों के एक समूह को व्यायाम करने वाले पहिए पर दौड़ने की सुविधा थी, वे एक दिन में औसतन 20 किमी की दौड़ लगाते थे जबकि दूसरे समूह को ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई थी.
चूहों के इन दोनों समूहों को एक पर्दे पर दो बॉक्स दिखाए गए. इनमें से एक बॉक्स को छूने के बाद कुछ खाने को मिलता था.
इससे चूहों ने यह पता लगा लिया कि किस बॉक्स को छूने के बाद खाने की गोली मिलती है.
इसके बाद बॉक्स उनकी जगह से हिला दिया गया. उन दोनों बॉक्स को पास-पास ला दिया गया जिससे उनके लिए यह याद रखना कठिन हो जाए कि किस बॉक्स को छूने से खाने की गोली मिलती है.
इस दौरान उन चूहों ने बेहतर प्रदर्शन किया जिन्होंने व्यायाम किया था.
अध्ययन में शामिल कैंब्रिज़ विश्वविद्यालय के तिमोथी बुशी कहते हैं, ''एक तरह दिखने वाली चीज़ों में भेद कर पाना अच्छी स्मृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है.''
उन्होंने कहा, ''हमारा अध्ययन दिखाता है कि स्मृति के इस पहलू को व्यायाम से बढ़ाया जा सकता है.''
वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ऐसा प्रयोग मानव पर भी हो सकता है. वे सकारात्मक परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं.