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लिवर को बैक्टीरिया और इंफेक्शन से बचाती है ये आयुर्वेदिक चाय

लिवर हमारे शरीर का सबसे मुख्य अंग है। इससे बने बाइल जूस से खाना पचाने में मदद मिलती है। जरूरत से ज्यादा खाने, ज्यादा तेलयुक्त खाने, ज्यादा शराब पीने और कई अन्य कारणों से लीवर में संक्रमण होने का खतरा होता है। इसके अलावा अस्वस्थ खान-पान की वजह से लिवर पर अनावश्यक दबाव पड़ता है जिससे वो विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाता। कुछ आसान उपायों को अपनाकर आप अपने लिवर को सुरक्षित रख सकते हैं। लिवर को बैक्टीरिया और इंफेक्शन से बचाने के लिए आप ये आयुर्वेदिक चाय आजमा सकते हैं।
लिवर के लिए आयुर्वेदिक चाय
अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं, तो सही चाय पिएं। साधारण चाय और कॉफी में मौजूद शुगर और कैफीन के कारण लिवर पर बुरा असर पड़ता है। इसकी जगह आप मुलेठी की आयुर्वेदिक चाय पिएं। मुलेठी आपके लिए बड़े काम की चीज है। यह जरूरी नहीं है कि आप बीमार हों तभी मुलेठी का सवेन कर सकते हो। लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। मुलेठी के सेवन से लीवर काफी मजबूत होता है।लिवर के लिए
आयुर्वेदिक चाय
अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं, तो सही चाय पिएं। साधारण चाय और कॉफी में मौजूद शुगर और कैफीन के कारण लिवर पर बुरा असर पड़ता है। इसकी जगह आप मुलेठी की आयुर्वेदिक चाय पिएं। मुलेठी आपके लिए बड़े काम की चीज है। यह जरूरी नहीं है कि आप बीमार हों तभी मुलेठी का सवेन कर सकते हो। लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। मुलेठी के सेवन से लीवर काफी मजबूत होता है।
कैसे बनाएं चाय
एक चुटकी मुलेठी के पाउडर को उबलते हुए पानी में डालें और उसमे थोड़ी सी चायपत्ती डालें। 10 मिनट तक उबालें और छान लें। इसे सुबह गरमागरम ही पियें या इसके इस्तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंडा होने पर छान लें। इस चाय को दिन में एक या दो बार पिएं। पानी में घुली हुई मुलेठी कार्बन टेट्राक्लोराइड से उत्पन्न टॉक्सिक के खिलाफ काफी असरदार है।
क्यों फायदेमंद है मुलेठी
ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है। मुलेठी को इसके मीठे स्वाद और एंटी अल्सर एक्शन के लिए जाना जाती है। यह इंटरफेरॉन के बनने में भी मदद करती है जो कि एक प्रकार की इम्यून कोशिका होती है जो लीवर को बैक्टीरिया से बचाती है।
लिवर के कई रोगों से बचाती है ये चाय
जो लोग नॉन एल्कोहालिक फैटी लिवर रोगों (जब लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है) जो पीड़ित होते हैं, उनके लीवर में ट्रांसएमाइनेज एंजाइम्स ALT और AST की मात्रा बढ़ जाती है। स्टडी के मुताबिक मुलेठी का सत्व इन एंजाइम्स की मात्रा को लिवर से कम करता है। इसलिए मुलेठी लिवर के लिए लाभप्रद है। लिवर से निकलने वाले बाइल जूस के स्राव में भी मुलेठी काफी असरदार होती है।
हेपेटाइटिस में भी है फायदेमंद
कीमोथेरेपी सेलीवर को जो नुकसान पहुंचती है उसमें भी मुलेठी का सेवन लिवर को बचाने का काम करती है। यह लीवर के अंदर होने वाली फ्री रेडिकल डैमेज को कम करती है। यही कारण है कि डॉक्टर हेपाटाइटिस बी की बीमारी में मुलेठी खाने की सलाह देते हैं