क्या प्रभाव पड़ता है संगीत का किशोरों पर?

क्या प्रभाव पड़ता है संगीत का किशोरों पर?

संगीत सुनना किसे अच्छा नहीं लगता है। आजकल हर कोई अपने फोन से गाने सुनता रहता है। संगीत सुनने से हमारा मन और दिमाग शांत और खुशहाल हो जाता है। संगीत के अनेक फायदे हैं, जैसे: खेल-कूद के समय संगीत जोश और उत्साह बढ़ाता है। मंदिर में संगीत भक्ति और श्रद्धा बढ़ाता है। औफिस और घर में संगीत बोरियत दूर करता है। मार्केट और होटल में ग्राहकों को आकर्षित करता है। यही संगीत स्वास्थ्य के विभाग में एक उपचार या थेरेपी का भी काम करता है।

 

नवयुवक और किशोर बच्चे हर तरह का संगीत सुनते हैं। लेकिन कुछ संगीत और गाने ऐसे भी होते है जो युवा बच्चों के लिए उचित नहीं होते हैं।

चलिये आज हम आपको बताते हैं युवाओं को किस तरह का संगीत पसंद आता है और क्यूँ आता है? उसका उनपे क्या असर पड़ता है और कब माता-पिता को उनपे रोक लगानी चाहिए?

किशोरों को संगीत क्यूँ पसंद होता है?

a) आसान पहुँच: आजकल हर तरह का संगीत इन्टरनेट और स्मार्ट फोन के जरिये उपलब्ध है। किशोरों के लिए समय बिताने के लिए और मन बहलाने के लिए ये एक आसान उपाय है।

b) संगीत से मन बहलाना: किशोरों को अक्सर अकेलेपन, निराशा या तनाव जैसी समस्याएँ होती हैं। वे जल्दी अपनी भावनाओं को बड़ों से नहीं बांटते है। इसलिए संगीत सुनके वो अपना मन बहला लेते हैं।

c) भावनाओं को व्यक्त करना: कुछ किशोर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए संगीत का सहारा लेते हैं।

d) दोस्तो से प्रभावित: कुछ किशोर वही संगीत सुनना पसंद करते हैं जो उनके दोस्तों को पसंद होता है। इससे उनकी दोस्ती और मजबूत हो जाती है।

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