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ब्राह्मी एक चमत्कारी औषधि है

ब्राह्मी कई सारे रोगो का निवारण करने का काम करती है। इसका सबसे प्रसिद्द उपयोग बुद्धि में बढ़ोतरी करने के लिए किया जाता है। इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैसे ग्लाइकोसाइड, वैलेरिन, एस्कॉर्बिक एसिड, ब्राह्मिक एसिड, आदि। यह कब्ज, गाठिया , खून साफ़ करना, और हार्ट के लिए भी फायदेमंद है।
इसके कई सारे औषधिक प्रयोग है
-स्मरण शक्ति
दिमाग को शक्ति देने के लिए ब्राह्मी बहुत अच्छी तरह से काम करती है। दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए इसे बादाम और काली मिर्च के साथ तैयार किया जाता है, और सेवन दूध के साथ किया जाता है।
ब्राह्मी का प्रतिदिन सेवन करने से कॉन्सेंट्रेशन पावर भी बढ़ती है।
-इम्यून सिस्टम
ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है और हमारे इम्यून सिस्टम को और मजबूत भी बनाता है
-कब्ज :-
ब्राह्मी में पाये जाने वाले औषधीय गुण कब्ज की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ब्राह्मी का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इसके अलावा ब्राह्मी में कई रक्तशोधक गुण भी होते हैं, जो पेट से संबंधित समस्या से बचाव करते हैं।
-अनिद्रा :-
जो व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, उन्हें ब्राह्मी इस्तेमाल करना चाहिए। रोजाना सोने से एक घंटा पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच ब्राह्मी चूर्ण मिलाकर पीने से व्यक्ति तनावमुक्त होता है और नींद अच्छी आती है।
-उच्च रक्तचाप :-
ब्राह्मी में मौजूद औषधीय गुण रक्तचाप को संतुलित रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की वजह से परेशान है तो उसे ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का रस शहद में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
-खांसी और बुखार :-
ब्राह्मी, शंखपुष्पी, बादाम, छोटी या सफ़ेद इलायची- चूर्ण एक समान मात्रा में लेकर पानी में घोलकर छान लें। इस पानी में मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह- शाम आधा- आधा गिलास पीएं। इससे खांसी, जुकाम, बुखार आदि से राहत मिलती है।
-बालों की समस्या :-
यदि आप बालों से जुड़ी किसी समस्या से परेशान है तो पंचांग चूर्ण (ब्राह्मी के पांच भागों का चूर्ण) का एक चम्मच की मात्रा में रोजाना सेवन करने से बालों का झड़ना, रूसी, कमजोर बाल आदि परेशानी दूर होती हैं।
-ह़दय की समस्या:-
ब्राह्मी में ब्राहमीन एल्केलाइड (ब्रामिन आल्कलाय्ड) गुण मौजूद होता है, जो हृदय यानि दिल के लिए फायदेमंद साबित होता है। यदि ब्राह्मी का नियमित रुप से सेवन किया जाए तो सारी उम्र हृदय यानि दिल से जुड़ी बीमारी नहीं हो सकती।
-मिर्गी के दौरे :-
मिर्गी की बीमारी होने पर रोगी को ब्राह्मी की जड़ का रस या या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन दिन में 3 दूध के साथ करवाएं। ऐसा करने से रोगी को लाभ मिलेगा और मिर्गी के दौरे आना बंद हो जाएंगे
-दांत दर्द :-
ब्राह्मी का इस्तेमाल, दांत दर्द जैसी परेशानी में भी किया जाता है। आधा गिलास पानी में आधा चम्मच ब्राह्मी डालकर गर्म करके रख लें। इस पानी से रोजाना दिन में दो बार कुल्ला करें। ऐसा करने से दांतों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
-एंटीऑक्सीडेंट :-
ब्राह्मी का उपयोग बौद्धिक विकास बढ़ाने के लिए प्राचीनकाल से किया जा रहा है। ब्राह्मी में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं इसलिए ब्राह्मी रस या इसके 7 पत्तों का रोजाना सेवन करना चाहिए।
-एकाग्रता बढ़ाए :-
एकाग्रता की कमी के कारण अक्सर बच्चों का ध्यान पढ़ाई से दूर भागता है। ऐसे में दूध के साथ ब्राह्मी चूर्ण का रोजाना सेवन करने से बच्चों में एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है, जिसके फलस्वरूप बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है।
-कार्यक्षमता बढ़ाए:-
ब्राह्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव मुख्य रूप से मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क के लिए एक चमत्कारी औषधि है, मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करती है। लगातार काम करने से थकावट हो जाने पर कार्यक्षमता अक्सर कम हो जाती है। इससे बचने के लिए ब्राह्मी रस या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक तनाव, थकावट या सुस्ती कम होती है और कार्य क्षमता बढ़ती है
-मधुर आवाज़
१०० ग्राम ब्राह्मी, १०० ग्राम मुनक्का, ५० ग्राम शंखपुष्पी, इन सभी चीज़ों को ४ गुना पानी में मिलाकर इसका अर्क निकल ले। इसका प्रयोग करने से शरीर स्वस्थ और आवाज़ साफ़ हो जाती है।