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कागज से बनी बैटरी बैक्टीरिया से चलेगी
कभी सोचा है कि आपकी मेज पर रखा कागज भी बैटरी का काम कर सकता है? चौंकिए मत, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कागज मोड़ने की विशेष जापानी तकनीक ओरिगामी की मदद से कागज की बैटरी बनाई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ऊर्जा बैक्टीरिया के जरिये मिलती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बैटरी सूक्ष्मजीवों की श्वसन क्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पादित करती है। अमेरिका स्थित बिंघमटन यूनिवर्सिटी के श्योखेऊं चोई ने कहा, "कागज न केवल बेहद सस्ती बल्कि जैविक रूप से विघटित हो जाने वाली चीज भी है।
सबसे खास बात यह है कि बैक्टीरिया से युक्त द्रव को इसके अंदर प्रविष्ट कराने के लिए किसी बाहरी तरीके की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि यह खुद ही उसे सोख लेता है।"
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बैटरी कागज पर बनाए जाने वाले बायोसेंसरों के लिए पर्याप्त ऊर्जा बनाने में सक्षम है। इस बैटरी का आकार माचिस की डिब्बी जितना ही है और इसकी लागत सिर्फ पांच सेंट (करीब सवा तीन रुपये) के आसपास आती है।