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जहां औसत तापमान 460 डिग्री सेल्सियस है

हम जब भी अंतरिक्ष में जाने की बात करते हैं, हमारे ज़ेहन में चांद पर जाने या फिर मंगल ग्रह पर जाने का ख़्याल सबसे पहले आता है.
ये दोनों धरती के सबसे क़रीब जो हैं. मगर, एक और ग्रह जो धरती के क़रीब है वो है शुक्र. वहां जाने की ज़्यादा बात नहीं होती है.
लेकिन अब अमरीका और रूस के अलावा यूरोपीय देशों की स्पेस एजेंसी भी शुक्र ग्रह पर मिशन भेजने की तैयारी कर रही है.
शुक्र ग्रह, हमारे सौर मंडल के सबसे भयानक माहौल वाले ग्रहों में से एक है. ये पूरी तरह से गंधक के एसिड के बादलों से ढका है.
यहां औसत तापमान 460 डिग्री सेल्सियस रहता है. यहां कार्बन डाई ऑक्साइड का दबाव धरती से नब्बे गुना ज़्यादा है.
सीसा, ज़िंक और टिन जैसी धातुएं भी यहां पिघली हुई पाई जाती हैं.
कार्बन डाई-आक्साइड यहां इतनी भारी होती है, जितनी समंदर के एक किलोमीटर अंदर होती है. इतने दबाव में पनडुब्बियां भी तबाह हो जाती हैं.
मगर, बरसों बाद एक बार फिर शुक्र ग्रह में इंसान की दिलचस्पी पैदा हुई है.
जापान ने अभी हाल ही में अकात्सुकी मिशन भेजा था, जो पिछले साल दिसंबर से शुक्र का चक्कर लगा रहा है.