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एनीमिया - वैवाहिक जीवन पर दुष्प्रभाव

विलासमय जिंदगी की ख्वाइश में आज हम सभी एक दौड़ में शामिल हो चुके हैं लेकिन जहां इस रेस से आपको सबकुछ हासिल हो जाता है तो वहीं दूसरी तरफ सुख, शांति व प्रेम जीवन से मिट जाता है। ऐसा होने का कारण है...जिंदगी में तनाव और उसके कारण जीवनसाथी के साथ कामेच्छा की भावना कम हो जाना।
गृहस्थ जिंदगी की तमाम जरूरतों में इस जरूरत का भी अपना महत्व है, तभी तो अच्छी सेक्सशुयल लाइफ, हैपी मैरिड लाइफ का बेसिक फंडा है।
शादीशुदा जिंदगी में प्रेम बनाएं रखने के लिए ये जरूरी है कि इस समस्या के कारण को समझकर, उसका हल निकाला जाए। ऐसा ही एक कारण है...एनीमिया। शरीर में लाल रक्त कण या हीमोग्लोबिन की किसी कारण सामान्य से कम मात्रा होने की स्थिति को एनीमिया कहा जाता है।
एनीमिया के लक्षण:
- थकान/सुस्ती/चक्कर आना
- सांस लेने में दिक्कत
- घबराहट
- त्वचा सफेद/पीली पड़ना
- सीने में दर्द
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना या सूजन आना
यौन जीवन पर एनीमिया का असर:
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एनीमिया के कारण खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से शरीर के हर अंग पर यहां तक कि लिबीडो(जहां से कामेच्छा की भावना जगती है) पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा शरीर में थकान बढ़ने के कारण मांसपेशियां खिचने लग जाती हैं और व्यक्ति आसानी से बिस्तर पर थक जाता है।
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आयुर्वेद के अनुसार असंतुलित आहार व लाइफ स्टाइल के कारण पाचन क्रिया बिगड़ जाती है और सभी पोषक तत्व शरीर में अच्छे से अवशोषित नहीं हो पाते। इससे सही मात्रा में रस धातु को पोषण नहीं मिल पाता जिससे रक्त धातु(जिसे रस धातु द्वारा पोषण मिलता है) की मात्रा और गुणवत्ता दोनों का पतन हो जाता है जिसकी वजह से मनुष्य को पांडु(एनीमिया) हो जाता है।
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आयुर्वेद में कुल सात धातुओं का जिक्र किया गया है जिनका निर्माण शरीर में सही क्रम में होना जरूरी है। इसीलिए अगर पहला धातु कुपोषित हो तो इसकी वजह से अन्य धातुओं पर भी असर पड़ता है। इस क्रम में आखिरी धातु शुक्र को माना जाता है जो यौन जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा, बल व उत्साह को उत्पन्न करता है। एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति के अंदर रक्त धातु की कमी होने के कारण शुक्र की भी कमी हो जाती है जो यौन जीवन को प्रभावित कर देती है।
कैसा हो आहार:
- सेब व चुकंदर का रस
- तिल व शहद
- एलोवेरा
- दूध के साथ आम
- पत्तेदार सब्जियां
मसाज व योग के फायदे:
- मसाज से रक्त वाहिकाएं खुल जाती है जिससे रक्त-संचार और लाल रक्त कोशिकाएं बढ़ती हैं। इसके साथ ही बॉडी के टॉक्सिन रिमूव होते हैं।
- योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, कपालभाती या तितली आसन आदि लाभ पहुंचाते हैं क्योंकि इनके दौरान गहरी सांस लेने पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त पोषण मिलता है।