कुर्म आसन

कुर्मासन योग की विधि। यहां पर कुर्मासन करने का सरल तरीका बताया गया है। जिसका अनुसरण करके आप अच्छी तरह से इसको प्रैक्टिस कर सकते हैं। सबसे पहले आप बैठ जाएं। अब आप अपने पैर को दोनों ओर अपने हिसाब से फैलाएं। सांस छोड़ते हुए आगे झुकें। हाथों को पैरों के नीचे ले जाते हुए हाथ को पैरों के 90 डिग्री पर रखें या हाथों से पैरों को पकड़ लें। आगे झुकें, कमर से रीढ़ की हड्डी को खीचने की कोशिश करें और जमीन पर माथा लगाने का प्रयास करें। इस अवस्था में धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े। फिर सांस लेते हुए आरंभिक अवस्था में आएं। यह एक चक्र हुआ। इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

कुर्मासन के लाभ

वैसे कुर्मासन के बहुत सारे स्वस्थ लाभ है, यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।

  1. कुर्मासन दीर्घायु के लिए : शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह से कछुआ की जीवन बहुत दिन तक का होता है उसी तरह से इस आसन के अभ्यास से आदमी दीर्घायु जीवन प्राप्त कर सकता है।
  2. कुर्मासन घुटने के लिए: यह घुटनों के दर्द के लिए एक उपयुक्त योगाभ्यास है। घुटने के साथ साथ यह कूल्हों, पीठ एवं टाँगों की मांसपेशियों को फैलाता है और इसको स्वस्थ रखता है।
  3. कुर्मासन एकाग्रता के लिए: यह आसन आपको शांत करते हुए आपके मस्तिष्क को एकाग्रता की ओर लेकर जाता है।
  4. कुर्मासन कुंडलिनी जागरण में: कुंडलिनी शक्ति के जागरण के लिए इस योग का अहम योगदान है।
  5. पेट के लिए उत्तम योग: पेट से सम्बंधित खास तौर पर पेट के निचले भाग की समस्याओं के हल के लिए कुर्मासन अत्धियक लाभदायक योगाभ्यास है।
  6. शरीर तरोताजा के लिए योग: यह पूरे शरीर के विभिन्य अंगों तो उत्तेजित करते हुए आपको तरोताजा रखता है। धीरे धीरे यह पीठ की दर्द को कम करते हुए शरीर को लचीलापन बना देता है। इस तरह से यह आसन नृत्य कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण योगाभ्यास है।
  7. हिप्स की गतिशीलता में: यह हिप्स की जकरण को कम करते हुए इसकी गतिशीलता को बढ़ाता है।
  8. कुर्मासन कब्ज कम करने के लिए: यह पेट की कब्ज को कम करने में सहायता करता है।
  9. डायबिटीज योग: कुर्मासन पैंक्रियास को उत्तेजित करता है और सही मात्रा में इंसुलिन के स्राव में मदद करता है। इस तरह से डायबिटीज के कण्ट्रोल में लाभकारी है।
  10. कुर्मासन हर्निया के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास से हर्निया हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म हो जाता है।
  11. पेट की चर्बी कम करने के लिए: यह पेट की चर्बी को कम करने में भी बहुत लाभदायक है।
  12. कुर्मासन नाभि के लिए: यह आसन नाभि को केंद्र में रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है।

 

कुर्मासन सावधानी 

  • कुर्मासन एक एडवांस्ड एवं पावरफुल योगाभ्यास है। यह उनको ही करनी चाहिए जिनको आगे झुकने वाले आसन आसानी से कर लेता हो।
  • यह उनको नहीं करनी चाहिए जिन्हें कमर दर्द की शिकायत हो।
  • जिनको रीढ़ की हड्डी में दर्द हो उन्हें इस आसन को नहीं करनी चाहिए।
  • कंधे, कोहनी या कूल्हों की समस्यायें हों तो इस आसन का अभ्यास न करें।
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कुर्मासन योग की विधि।
How To Kurmasana Tortoise Pose Yoga Routine EasyFlexibility

योगासन एवं आसन के मुख्य प्रकार

योगासन एवं आसनयोगासन एवं आसन पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, पूर्ण मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, योगमुद्रा, उत्थीत पद्म आसन, पाद प्रसारन आसन, द्विहस्त उत्थीत आसन, बकासन, कुर्म आसन, पाद ग्रीवा पश्चिमोत्तनासन, बध्दपद्मासन, सिंहासन, ध्रुवासन, जानुशिरासन, आकर्णधनुष्टंकारासन, बालासन, गोरक्षासन, पशुविश्रामासन, ब्रह्मचर्यासन, उल्लुक आसन, कुक्कुटासन, उत्तान कुक्कुटासन, चातक आसन, पर्वतासन, काक आसन, वातायनासन, पृष्ठ व्यायाम आसन-1, भैरवआसन,

चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। योग में यम और नियम के बाद आसन का तीसरा स्थान है

आसन का उद्‍येश्य : आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है।

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