कूर्मासन

कुर्मासन योग की विधि। यहां पर कुर्मासन करने का सरल तरीका बताया गया है। जिसका अनुसरण करके आप अच्छी तरह से इसको प्रैक्टिस कर सकते हैं। सबसे पहले आप बैठ जाएं। अब आप अपने पैर को दोनों ओर अपने हिसाब से फैलाएं। सांस छोड़ते हुए आगे झुकें। हाथों को पैरों के नीचे ले जाते हुए हाथ को पैरों के 90 डिग्री पर रखें या हाथों से पैरों को पकड़ लें। आगे झुकें, कमर से रीढ़ की हड्डी को खीचने की कोशिश करें और जमीन पर माथा लगाने का प्रयास करें। इस अवस्था में धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े। फिर सांस लेते हुए आरंभिक अवस्था में आएं। यह एक चक्र हुआ। इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें। कुर्मासन के लाभ। वैसे कुर्मासन के बहुत सारे स्वस्थ लाभ है, यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।

योगासन एवं आसन के मुख्य प्रकार

योगासन एवं आसनयोगासन एवं आसन पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, पूर्ण मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, योगमुद्रा, उत्थीत पद्म आसन, पाद प्रसारन आसन, द्विहस्त उत्थीत आसन, बकासन, कुर्म आसन, पाद ग्रीवा पश्चिमोत्तनासन, बध्दपद्मासन, सिंहासन, ध्रुवासन, जानुशिरासन, आकर्णधनुष्टंकारासन, बालासन, गोरक्षासन, पशुविश्रामासन, ब्रह्मचर्यासन, उल्लुक आसन, कुक्कुटासन, उत्तान कुक्कुटासन, चातक आसन, पर्वतासन, काक आसन, वातायनासन, पृष्ठ व्यायाम आसन-1, भैरवआसन,

चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। योग में यम और नियम के बाद आसन का तीसरा स्थान है

आसन का उद्‍येश्य : आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है।

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