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अंडकोष का कार्य
अंडकोष (वृषण) का मुख्य कार्य शुक्राणु का उत्पादन और भंडारण करना है। इसके अतिरिक्त अंडकोष का एक ओर महत्वपूर्ण कार्य यह है कि यह टेस्टोस्टेरोन या एण्ड्रोजन (Androgens) नामक पुरुष हार्मोन का निर्माण करता है। वृषण को अंडाकार आकार लोब्यूल्स (Lobules) नामक ऊतक प्रदान करते हैं। किस्सी पुरुष में अंडकोष (वृषण) के महत्वपूर्ण कार्य निम्न हैं:
अंडकोष शुक्राणु के उत्पादन का कार्य करते हैं। शुक्राणु का निर्माण अंडकोष के वीर्योत्पादक (Seminiferous) नलिकाओं में होता है। प्रत्येक अंडकोष में लगभग 700 से 900 ट्यूब (नलिकाएं) होती हैं। प्रत्येक ट्यूब की लंबाई और चौड़ाई कुछ-कुछ बाल के समान होती है। यदि इन सभी ट्यूब को एक साथ जोड़ा जाये, तो इसकी कुल लम्बाई एक फुटबॉल पिच से अधिक होगी। अतः जब शुक्राणु का उत्पादन वीर्योत्पादक (Seminiferous) नलिकाओं में होता हैं, तो यह अधिवृषण (Epididymis) में से गुजरते हैं। अधिवृषण (Epididymis) एक लंबी कुंडलित नलिका होती है, जिसमें शुक्राणु परिपक्व होते हैं। शुक्राणु परिपक्व होने के बाद वास डेफरेंस (Vas Deferens) के माध्यम से स्खलन के दौरान रिलीज़ होने के लिए तैयार होते हैं। वास डेफरेंस में वीर्य पुटिकाओं (Seminal Vesicles) और प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा तरल पदार्थ, शुक्राणु कोशिकाओं के साथ मिलकर वीर्य (Semen) का निर्माण होता है। यह वीर्य स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है।
अंडकोष (Testicles), एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन का उत्पादन भी करते हैं। एण्ड्रोजन पुरुष प्रजनन प्रणाली को नियंत्रित करने और शरीर में मर्दाना विकास जैसे- दाढ़ी और एक गहरी आवाज आदि के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अतिरिक्त एण्ड्रोजन यौन कार्यों को भी प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरोन, एण्ड्रोजन का सबसे सामान्य रूप है। यह पुरुष जननांगों के विकास और शुक्राणु उत्पादन की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है। एक स्वस्थ पुरुष के अंडकोष प्रति दिन लगभग 6 मिलीग्राम तक टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कर सकते हैं।