स्वास्थ्य एवम् चिकित्सा विज्ञान

अगर हम सब दिमाग़ बढ़ाने वाली गोली लेने लगें तो क्या होगा?

अगर हम सब दिमाग़ बढ़ाने वाली गोली लेने लगें तो क्या होगा?

फ़्रांस के मशहूर उपन्यासकार होनोरे डि बाल्ज़ाक मानते थे कि कॉफ़ी दिमाग़ को खोल देता है.

बाल्ज़ाक हर शाम पेरिस की गलियों को छानते हुए उस कैफे तक पहुंचते थे जो आधी रात के बाद तक खुला रहता था. कॉफ़ी पीते हुए वे सुबह तक लिखते रहते थे.

कहा जाता है कि बाल्ज़ाक एक दिन में 50 कप कॉफ़ी पी जाते थे.

भूख लगने पर बाल्ज़ाक चम्मच भर कॉफ़ी के दानों को चबा लेते थे. उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उनके दिमाग़ में विचार ऐसे कौंधते हैं जैसे जंग के खाली मैदान में सेना की बटालियन मार्च करते हुए चली आ रही हो. Read More : अगर हम सब दिमाग़ बढ़ाने वाली गोली लेने लगें तो क्या होगा? about अगर हम सब दिमाग़ बढ़ाने वाली गोली लेने लगें तो क्या होगा?

वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है.

वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है.

ब्रिटेन में न्यूकासल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया में पहली बार हुए इस प्रयोग की सफलता से पुरुषों में बंध्यता या बाप नहीं बन पाने की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है.न्यूकासल विश्वविद्यालय और नॉर्थईस्ट स्टेम सेल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में स्पर्म या शुक्राणु विकसित करने के अपने सफल प्रयोग की रिपोर्ट विज्ञान पत्रिका 'स्टेम सेल एंड डेवलपमेंट' में प्रकाशित की है. Read More : वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है. about वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु बनाने का दावा किया है.

World Blood Donor Day: रक्तदान और उससे जुड़े मिथकों का सच

World Blood Donor Day: रक्तदान और उससे जुड़े मिथकों का सच

विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो ज़्यादातर सेहतमंद लोग रक्तदान करते हैं.

दुनिया में हर जगह लोग रक्तदान करते हैं. रक्तदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

वैसे तो रक्त दान के लिए कई नियमों का पालन किया जाता है. लेकिन लोगों के बीच इससे जुड़े कई मिथक और आधे-अधूरे सच भी जिन्हें वो मानते आ रहें हैं.

शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते Read More : World Blood Donor Day: रक्तदान और उससे जुड़े मिथकों का सच about World Blood Donor Day: रक्तदान और उससे जुड़े मिथकों का सच

'महिलाओं के लिए वायग्रा' को मंज़ूरी

'महिलाओं के लिए वायग्रा' को मंज़ूरी

अमरीकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने महिलाओं की कामेच्छा को बढ़ाने की एक दवा को मंज़ूरी दे दी है. इसे 'फीमेल वायग्रा' माना जा रहा है.

फ़्लिबैनसेरिन नाम की इस दवा को स्प्राउट फॉर्मेस्यूटिकल्स ने बनाया है.

हाल ही में इस दवा को एफडीए की परामर्श समिति ने पास कर दिया है.

मासिक धर्म निवृत्ति से पहले महिलाओं की कामेच्छा को फिर से हासिल करने के लिए मस्तिष्क के कुछ निश्चित रसायनों को बढ़ाने के मकसद से इस दवा को बनाया गया है.

सेहत पर अन्य मामूली असर डालने के लिए इस दवा की आलोचना होती रही है. Read More : 'महिलाओं के लिए वायग्रा' को मंज़ूरी about 'महिलाओं के लिए वायग्रा' को मंज़ूरी

अल्ज़ाइमर की नई दवा को कंपनी ने क्यों छिपाए रखा?

अल्ज़ाइमर की नई दवा को कंपनी ने क्यों छिपाए रखा?

जब पिछले साल जनवरी में जब दवाइयां बनाने वाली अमरीकी कंपनी फाइज़र ने अल्ज़ाइमर और पर्किंसन जैसी बीमारियों के लिए नई दवा न बनाने का ऐलान किया तो मरीज़ों और शोधकर्ताओं के बीच एक निराशा छा गई थी.

इससे पहले यह कंपनी अल्ज़ाइमर के लिए वैकल्पिक दवा तलाशने में लाखों डॉलर ख़र्च कर चुकी थी. लेकिन फिर उन्होंने तय किया कि ये पैसा कहीं और दूसरे काम में ख़र्च किया जाएगा.

फाइज़र ने इसे सही ठहराते हुए कहा था कि हमें इस ख़र्च को वहां लगाना चाहिए जहां हमारे वैज्ञानिकों की पकड़ ज़्यादा मज़बूत है. Read More : अल्ज़ाइमर की नई दवा को कंपनी ने क्यों छिपाए रखा? about अल्ज़ाइमर की नई दवा को कंपनी ने क्यों छिपाए रखा?

गुदगुदी करने पर आदमी की तरह क्यों हंसते हैं चिम्पैंज़ी?

कभी आपने सोचा है कि हमें हंसी क्यों आती है? शरीर के किसी ख़ास हिस्से को छूने पर गुदगुदी क्यों होती है?

नहीं सोचा ना?

तो चलिए, आज हंसी और गुदगुदी की ही बात करते हैं.

इंसानों के पुरखे बंदरों के रिश्तेदार थे, ये तो हम सब जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसान को हंसने का हुनर भी बंदर परिवार से ही विरासत में मिला है.

हम ख़ुश होते हैं तो हंसते हैं. कोई बात अच्छी लगती है तो मुस्कुराते हैं. तो क्या ये सब चिम्पैंज़ी, बोनबोन जैसे प्राइमेट्स यानी वानर परिवार के सदस्यों के साथ भी होता है? Read More : गुदगुदी करने पर आदमी की तरह क्यों हंसते हैं चिम्पैंज़ी? about गुदगुदी करने पर आदमी की तरह क्यों हंसते हैं चिम्पैंज़ी?

एक ऑटोसेक्शुअल लड़की की कहानी

एक ऑटोसेक्शुअल लड़की की कहानी

''ये सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि मैं हमेशा ख़ुद को देखकर ही आकर्षित होती हूं.

बाकी टीनेजर्स की तरह मुझे भी अपने व्यक्तित्व और लुक की चिंता रहती है. जब भी मैं नहा कर आती हूं, कपड़े पहनती हूं या फिर सेक्शुअल अट्रैक्शन की खोज में होती हूं तो ख़ुद को आईने में देखती हूं.

हो सकता है मेरा शरीर आकर्षित करने वाला न हो. मैं पतली हूं, मेरी ठोडी बहुत लंबी है, मेरे बाल घुंघराले हैं. लेकिन बिना कपड़े के मेरा शरीर मुझे वाक़ई आकर्षित करता है. Read More : एक ऑटोसेक्शुअल लड़की की कहानी about एक ऑटोसेक्शुअल लड़की की कहानी

शाकाहारी हुई दुनिया तो हर साल 70 लाख तक कम मौतें

शाकाहारी हुई दुनिया तो हर साल 70 लाख तक कम मौतें

दुनिया भर में 12 जून का दिन विश्व मांस मुक्त दिवस के रूप में मनाया गया. अगर दुनिया अचानक हमेशा के लिए शाकाहारी हो जाए तो इसका असर क्या होगा?

हम यहां बता रहे हैं कि इससे जलवायु, वातावरण, हमारी सेहत और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा. Read More : शाकाहारी हुई दुनिया तो हर साल 70 लाख तक कम मौतें about शाकाहारी हुई दुनिया तो हर साल 70 लाख तक कम मौतें

क्या जूस पीने से सेहत ठीक रहती है?

क्या जूस पीने से सेहत ठीक रहती है?

तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में हर काम फ़टाफ़ट होना चाहिए. तो, खान-पान ही तसल्ली से क्यों हो? फल खाने में वक़्त क्यों ज़ाया किया जाए?

फलों का जूस निकाला, पिया और चल पड़े काम पर. समय भी बचेगा और सेहत का भी भला होगा.

वाक़ई?

क्या फलों का रस निकालकर पीना वाक़ई सेहतमंद है?

आज कामकाजी लोगों के बीच फलों का रस पीने का बहुत चलन है. व्यस्तता के बीच चबाकर खाने के लिए वक़्त जो नहीं है. Read More : क्या जूस पीने से सेहत ठीक रहती है? about क्या जूस पीने से सेहत ठीक रहती है?

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

जब किसी आदमी को नया दिल लगाया जाता है, तो उसका दिमाग़ भी असामान्य रूप से बदल जाता है. क्यों?

इससे हमारे पूरे शरीर के बारे में हैरान करने वाले तथ्यों का पता चला.

कार्लोस (बदला हुआ नाम) के शरीर में एक छोटा यांत्रिक पंप (दूसरा दिल) लगाया गया था ताकि उसके दिल की कमज़ोर हो चुकी मांसपेशियों का बोझ कम किया जा सके.

कार्लोस को अपने पेट पर एक हल्की 'टक्कर' महसूस होती थी जो उनके दूसरे दिल की धड़कन थी.

ऐसा लगता था कि मशीन की थाप ने उनकी नब्ज की जगह ले ली हो. जब नाभि के ऊपर मशीन धड़कती तो कार्लोस को ऐसा लगता कि उनके दिल को पेट के निचले हिस्सा में गिरा दिया गया है. Read More : क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़? about क्या दूसरे दिल की सुनता है दिमाग़?

Pages

विज्ञान एवं तकनीकी

विज्ञान एवं तकनीकी Total views Views today
कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया 31,354 1
सोलो: लद्दाख का वह पौधा जिसे मोदी ने बताया संजीवनी बूटी 2,858 1
अब फेसबुक फ्रेंड्स दिलाएंगे लोन 2,841 1
ये स्तनधारी कभी पार्टनर को धोखा नहीं देता 1,356 1
World Blood Donor Day: रक्तदान और उससे जुड़े मिथकों का सच 2,405 1
क्या फ्री टॉक टाइम या डेटा की तलाश में हैं आप 2,707 1
सबसे कारगर दवा पर भी भारी मच्छर 2,198 1
दक्षिण अफ़्रीका: मानव जैसी प्रजाति की खोज 4,592 1
भारत में मिला घोंसले बनाने वाला मेंढक 1,988 1
चूहे बनेंगे सुपर जासूस, पहचानेंगे विस्फोटक 4,157 0
सोनी का नया एलईडी बल्‍ब ब्‍लूटूथ स्‍पीकर के साथ 3,979 0
बिना ऑक्सीजन के जीने वाले जीव 1,267 0
तेज़ी से पिघल रहा है ग्लेशियर 1,716 0
झील जहाँ 'दुनिया ख़त्म हो' जाती है ! 9,732 0
डिस्कवरी नए मिशन पर रवाना 1,641 0
ख़तरनाक सुपरबग की सूची जारी 7,250 0
ब्रह्मांड की चौड़ाई - 93 अरब प्रकाशवर्ष 6,756 0
जगदीश चतुर्वेदीः 18 मशीनें आविष्कार करने वाला भारतीय डॉक्टर 1,568 0
वे पक्षी जिन्हें भोजन नहीं साथी चाहिए 2,230 0
Secret World of Primeval Rivers Lies Beneath Greenland Glacier 3,880 0
दुनिया का पहला डुएल फ्रंट कैमरा युक्‍त स्मार्टफोन 3,059 0
मीठे पेय पदार्थ पीते हैं तो आपको हो सकता है कैंसर? 1,466 0
'भारतीय एशिया के सबसे बड़े भुलक्कड़, कैब में टीवी तक भूल जाते हैं लोग' 982 0
बारिश के लिए है आपका स्मार्टफोन? 3,931 0
हिंदी भाषा के लिए गूगल बनाएगा सर्च आसान 3,934 0