स्वास्थ्य एवम् चिकित्सा विज्ञान

क्या है न्यूरोडेवेलेपमेंटल डिसऑर्डर?

क्या है न्यूरोडेवेलेपमेंटल डिसऑर्डर?

एडीएचडी, यानि एक तरह का न्यूरोडेवेलेपमेंटल डिसऑर्डर. आम तौर पर ये लड़कियों के मुक़ाबले लड़कों में ज़्यादा पाया जाता है.

लेकिन बहुत सी लड़कियों में ये लड़कों से भी ज़्यादा ख़तरनाक स्तर पर हो सकता है. मुख्य तौर पर ये डिसऑर्डर तीन तरह का होता है.

इसमें मरीज़ का दिमाग़ चीज़ों पर फ़ोकस नहीं कर पाता. छोटी-छोटी चीज़ों को बहुत जल्दी भूलता रहता है. इसका दूसरा रूप हम तब देखते हैं, जब मरीज़ बहुत ज़्यादा एक्टिव और बातूनी हो जाता है. वो कहीं भी घड़ी भर को टिक कर नहीं बैठ पाता. Read More : क्या है न्यूरोडेवेलेपमेंटल डिसऑर्डर? about क्या है न्यूरोडेवेलेपमेंटल डिसऑर्डर?

'कैंडल लाइट डिनर' से बचें !

सनस्क्रीन आपके लिए कितना सुरक्षित है?

सनस्क्रीन आपके लिए कितना सुरक्षित है?

हर मौसम की कुछ ख़ास ज़रूरत होती है.

बारिश में छाता ज़रूरी है तो सर्दी में गर्म कपड़े और सनस्क्रीन शायद गर्मियों के लिहाज़ से बेहद ज़रूरी.

लेकिन सनस्क्रीन का चलन बीते कुछ सालों में बढ़ा है. बाज़ार में तरह-तरह के विकल्प हैं. त्वचा के हिसाब से, रंगत के अनुसार और बेशक ज़रूरत के आधार पर भी.

डॉक्टर भी ये बताते हैं कि पराबैंगनी किरणों से स्किन या त्वचा का कैंसर होने का ख़तरा होता है और इसलिए भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए

लेकिन कई बार सनस्क्रीन के सुरक्षित होने को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं? Read More : सनस्क्रीन आपके लिए कितना सुरक्षित है? about सनस्क्रीन आपके लिए कितना सुरक्षित है?

सोलो: लद्दाख का वह पौधा जिसे मोदी ने बताया संजीवनी बूटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार यानी 8 अगस्त को रात 8 बजे जब राष्ट्र को संबोधित किया तो पूरी जनता टकटकी लगाए उन्हें सुन रही थी.

नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के बारे में लिए गए सरकार के ताज़ा फ़ैसले का ज़िक्र किया और यह भी बताया कि इस फ़ैसले से किस तरह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को फ़ायदा होगा.

लद्दाख के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने एक ख़ास पौधे का ज़िक्र किया, जिसे उन्होंने 'संजीवनी बूटी' बताया. Read More : सोलो: लद्दाख का वह पौधा जिसे मोदी ने बताया संजीवनी बूटी about सोलो: लद्दाख का वह पौधा जिसे मोदी ने बताया संजीवनी बूटी

मीठे पेय पदार्थ पीते हैं तो आपको हो सकता है कैंसर?

मीठे पेय पदार्थ पीते हैं तो आपको हो सकता है कैंसर?

फ्रांस के वैज्ञानिकों का कहना है कि फ़्रूट जूस और फ़िज़्ज़ी पोप जैसे मीठे पेय पदार्थों से कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है.

यह बात ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के आधार पर कही गई है. यह शोध एक लाख लोगों पर पांच सालों तक किया गया है.

यूनिवर्सिटी सरबोर्न पेरिस सिटे की टीम का मानना है कि इसकी वजह ब्लड शूगर लेवल हो सकता है. हालांकि, इस शोध को साबित करने के लिए अभी काफ़ी साक्ष्यों की आवश्यकता है और विशेषज्ञों को अभी इस पर और शोध के लिए कहा गया है. Read More : मीठे पेय पदार्थ पीते हैं तो आपको हो सकता है कैंसर? about मीठे पेय पदार्थ पीते हैं तो आपको हो सकता है कैंसर?

तीन बेहद सस्ती चीज़ें जो मिटा सकती हैं दुनिया भर से कुपोषण

तीन बेहद सस्ती चीज़ें जो मिटा सकती हैं दुनिया भर से कुपोषण

तीन बेहद सस्ती और आसानी से मिलने वाली चीज़ें कुपोषित बच्चों की हालत तेज़ी से सुधारने की क्षमता रखती हैं.

अमरीका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि ये तीन चीज़ें हैं- मूंगफली, चने और केले.

इन तीनों से तैयार किए गए आहार से आंतों में रहने वाले लाभदायक जीवाणुओं की हालत में सुधार होता है जिससे बच्चों का तेज़ी से विकास होता है.

बांग्लादेश में बहुत से कुपोषित बच्चों पर किए गए शोध के नतीज़ों के मुताबिक़, लाभदायक जीवाणुओं की संख्या बढ़ने से बच्चों की हड्डियों, दिमाग़ और पूरे शरीर के विकास में मदद मिलती है. Read More : तीन बेहद सस्ती चीज़ें जो मिटा सकती हैं दुनिया भर से कुपोषण about तीन बेहद सस्ती चीज़ें जो मिटा सकती हैं दुनिया भर से कुपोषण

एक हादसे ने कैसे एक शख्स को गणित का पंडित बना दिया

एक हादसे ने कैसे एक शख्स को गणित का पंडित बना दिया

गणित ऐसा विषय है, जिसमें बच्चों को अक्सर दिलचस्पी नहीं होती. बच्चों को गणित का टीचर किसी जल्लाद से कम नज़र नहीं आता.

इस विषय को नहीं पढ़ने के लिए बच्चे अपने ही तर्क देते हैं. उन्हें लगता है जोड़-जमा, घटाव और गुणा-भाग तक तो ठीक है लेकिन, रेखागणित और बीजगणित जैसे पेचीदा मसलों का रोज़मर्राह की ज़िंदगी में क्या काम?

लिहाज़ा इसे सीखने में इतनी माथा-पच्ची क्यों की जाए. यही तर्क देते थे अमरीका के अलास्का के बाशिंदे जेसन पैजेट. Read More : एक हादसे ने कैसे एक शख्स को गणित का पंडित बना दिया about एक हादसे ने कैसे एक शख्स को गणित का पंडित बना दिया

हर ख़ुशबू का पता लगाना कितना मुश्किल

हर ख़ुशबू का पता लगाना कितना मुश्किल

फ्रांस्वा रॉबर्ट 40 साल से इत्र के पेशे में हैं. फ्रांस में उनका परिवार चार पीढ़ियों से यह काम कर रहा है.

वह 14 साल की उम्र में ही पारिवारिक इत्रफरोशी के कारोबार से जुड़ गए थे. उन्होंने अपने पिता का हाथ बंटाते हुए उनसे इस पेशे की बारीकियां सीखीं.

वह कहते हैं, "मैं ऐसे परिवार में पला-बढ़ा जहां मेरे पिता इत्र बनाते थे, मेरे दादा इत्र बनाते थे, मेरे परदादा इत्र बनाते थे. मुझे इसका जुनून है."

रॉबर्ट ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय इत्र ब्रांड क्विंटेसेंस का कारोबार संभालते हैं. यह कंपनी हर साल औसत 400 तरह की ख़ुशबुएं बनाती है. Read More : हर ख़ुशबू का पता लगाना कितना मुश्किल about हर ख़ुशबू का पता लगाना कितना मुश्किल

एन्टीबायटिक प्रतिरोधक एन्ज़ाइम मिला

एन्टीबायटिक प्रतिरोधक एन्ज़ाइम

अमरीकी वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया के भीतर एक ऐसी प्रतिरक्षात्मक प्रणाली की खोज की है जिससे वह एन्टीबायटिक दवाओं से लड़ पाता है.

आशा है कि इस खोज से मौजूदा इलाज की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकेगा.

‘साइंस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए इस अध्ययन ने पाया कि बैक्टीरिया नाइट्रिक ऑक्साइड पैदा करता है जो बहुत तरह की एन्टीबायटिक दवाओं के असर को ख़त्म कर देता है.

ब्रिटन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि अगर नाइट्रिक ऑक्साइड को रोका जा सके तो ख़तरनाक संक्रमणों से जूझना आसान हो जाएगा. Read More : एन्टीबायटिक प्रतिरोधक एन्ज़ाइम मिला about एन्टीबायटिक प्रतिरोधक एन्ज़ाइम मिला

अपनी मदद ख़तरनाक

अपनी मदद

एक नए शोध में कहा गया है कि आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आजमाए जाने वाले उपाय उल्टा प्रभाव डाल सकते हैं और घातक भी सिद्ध हो सकते हैं.

कनाडा के शोधकर्ताओं का मानना है कि जिन लोगों का आत्मविश्वास किन्हीं कारणों से कम हो जाता है और वो अगर बार बार अपने बारे में सकारात्मक बयान देते हैं तो इससे उन पर बुरा असर ही पड़ता है.

शोधकर्ताओं के अनुसार सकारात्मक टिप्पणियां उन्हीं लोगों को फ़ायदा पहुंचाती है जिनका आत्मविश्वास ऊंचा रहता है. Read More : अपनी मदद ख़तरनाक about अपनी मदद ख़तरनाक

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