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पीलिया का उपचार

लीवर की कोशिकाओं में बाइल या पित्त का निर्माण होता है , इस बाइल का भण्डारण पित्ताशय या गॉलब्लेडर में होता है । जब आहार स्टमक से गुजरता हुआ ग्रहणी [डयूडेनल ] में प्रवेश करता है तो उसी समय पित्त भी गॉलब्लेडर से निकल कर पित्त प्रणाली द्वारा ग्रहणी में पहुंचकर आहार से मिलता है और उसके पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । परन्तु किसी कारण वश पित्त पित्ताशय से निकल कर भोजन में न मिलकर सीधे रक्त में मिल कर रक्त परिसंचरण के द्वारा समस्त शरीर में फ़ैल जाता है , तो पित्त में मौज़ूद बिलिरुबिन नमक रंजक पदार्थ सूक्ष्म रक्त वाहिनियों से निकल कर त्वचा,श्लेष्मिक कला तथा आँखों की कंजेक्टाइवा आदि में फ़ैल जाता है । इससे शरीर की त्वचा , नाख़ून, आँखें तालु ,यूरिन आदि पीले दिखने लग जाते हैं ।
रक्त में जैसे जैसे बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ती है किडनी उसे छान कर रक्त को साफ़ करने में असमर्थ हो जाते हैं तो यूरिन का रंग गाढ़ा पीला होने लग जाता है ।
शरीर का पीलापन इस रोग का प्रमुख लक्षण है इसलिए इसे हिंदी में पीलिया कहा जाता है | संस्कृत में इस रोग को कमला अंग्रेजी में जॉन्डिस या हिपेटाइटिस और यूनानी में यरक़ान कहा जाता है ।
1.नींबू अपने लीवर-चिकित्सा गुणों के कारण पीलिया का इलाज कर सकता है. प्रकृति में मूत्रवर्धक होने के नाते, नींबू मूत्र उत्पादन को बढ़ावा देता है. जिससे बिलीरुबिन सहित हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ शरीर से समाप्त हो जाते है. इसके अलावा, यह लीवर के पित्त के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और मिनरल अब्ज़ॉर्प्षन को बढ़ावा देता है जिससे लीवर की कमजोरी भी दूर होती है व बिलीरुबिन की मात्रा भी कम हो जाती है.
*एक गिलास पानी में आधा नीबू का रस मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें. दिन में तीन से चार बार तक इस तरह से पानी पिएं.
ऐसा लगातार 2-3 सप्ताह तक करे. इस छोटे से प्रयोग से बहुत लाभ होगा, शरीर में जो भी व्यर्थ पदार्थ इकट्ठा हुआ होगा वह इस नुस्खे को आजमाने से शरीर से बाहर निकल जायेगा. आप इस आधे नीबू के रस में चुटकी भर नमक डालकर भी पी सकते है.
इसके अलावा पीलिया रोग का इलाज करने के लिए आप नीबू की जगह नीबू की पत्तियों का उपयोग भी कर सकते है. करीबन 8-10 नीबू की पत्तियां लें और इन्हें एक पानी से भरे बर्तन में डालकर 5-7मिनट्स तक अच्छे से उबाले. इसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर उस पानी को पी जाएं. यह आयुर्वेदिक उपाय भी पीलिया में बहुत लाभ देगा.
*गन्ने का रस
गन्ने का पीलिया में विशेष महत्व होता है, यह पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार करता है. पीलिया के दौरान, ग्लूकोज स्तर में अचानक गिरावट होती है. गन्ना में पाए जाने वाले आसानी से पाचन योग्य चीनी आपकी ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और तेजी से लीवर व शरीर को स्वस्थ करता है. इसके अलावा गन्ना प्रकृतिक रूप से क्षारीय (आल्कलाइन) है, यह आपके शरीर में एसिड कम स्तर कम बनाए रखने में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है.
एक गिलास गन्ने के रस में आधा निम्बू निचोड़ कर इसे अच्छे से मिक्स कर लें. इस तरह रोजाना दिन में तीन से चार बार इसका सेवन करे ऐसा आपको दो से तीन सप्ताह तक करना होगा. गन्ने का रस पीलिया में रामबाण होता है.
यह शरीर से पेशाब को निकालने में बहुत मदद करता है. इसके अलावा पीलिया रोग में होने वाली थकान व कमजोरी को दूर करता है. अगर आप गन्ने का इस तरह से प्रयोग नहीं करना चाहते तो आप इस तरह से भी पीलिया में गन्ने का सेवन कर सकते है:
गन्ने के रस में गेहूं के दाने के बराबर चूना डालकर पीने से एक सप्ताह में ही लाभ हो जाता है. इसके अलावा सत्तू खाकर गन्ने का रस पीने से भी अत्यंत लाभ होता है. यह दोनों प्रयोग पीलिया का सात दिन में इलाज कर देते है.
*अदरक क प्रयोग करें
अदरक एक प्राकृतिक डेटॉक्शिफिएर है और लिवर को विभिन्न समस्याओं से बचाता है.
अदरक के टुकड़े में से उसका रस निकाल लें. अब इस रस में पोदीना का रस एक चम्मच और एक चम्मच नीबू का रस मिला लें. स्वाद के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते है. इस आयुर्वेदिक नुस्खे का पीलिया में एक दिन के अंदर तीन से चार बार तक सेवन करे कुछ ही हफ़्तों में आराम महसूस होने लगेगा.
*बादाम का प्रयोग
पीलिया का घरेलू इलाजबादाम खून से वेस्ट को दूर करने, संक्रमण से लड़ने और स्वस्थ लिवर के कामकाज को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा, बादाम फाइबर, रिबोफ्लेविन, मैग्नीशियम, लोहा और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों में समृद्ध है जो लीवर के लिए अच्छे हैं.
रात को सोते समय 10 बादाम लें, तीन सूखे खजूर (ड्राइड डेट्स) लें और तीन इलाइची लें इन सभी को एक बर्तन में पानी डाल दें अब इस बर्तन को पानी से पूरा भर दें. इन सभी को रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें. अगले दिन सुबह इन सभी को पानी से निकालकर इनके ऊपर की परत को निकाल दें. इन सभी का पेस्ट बनाये और रोजाना सुबह के समय इसका सेवन करें.
पीलिया में खानपान व परहेज
*पीलिया में आप हल्का आहार लें
*हो सके तो फलों के रस का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
*खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक प्रयोग करें
*लौकी का रस, लौकी की सब्जी, पालक की सब्जी, मूली की सब्जी, सलाद, सूप, दलिया आदि का सेवन करें