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अस्थमा के घरेलु इलाज।
सांस लिए बिना व्यक्ति दो मिनट तक भी नहीं रह सकता, लेकिन फिर भी लोग इसे बेहद सामान्य मानते हैं। आप भले ही सांसों का मोल न समझते हों लेकिन इसकी वास्तविक कीमत एक अस्थमा पीडि़त व्यक्ति ही समझ सकता है। श्वसन संबंधी यह समस्या कभी−कभी जानलेवा भी साबित होती है। यूं तो आप इसके लिए दवाई का सेवन करते होंगे लेकिन कुछ प्राकृतिक उपचार करने से अस्थमा अटैक को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अस्थमा का सफल उपचार :
सांस लेने में तकलीफ होने को अस्थमा कहते है। किसी चीज से एलर्जी या प्रदूषण के कारण लोगों में यह समस्या आम देखने को मिलती है। अस्थमा के कारण खांसी, सांस लेने में तकलीफ और नाक से अवाज आने जैसी प्रॉब्लम होती है। वैसे तो लोग इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते है लेकिन कुछ घरेलू उपायों द्वारा भी इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।
1. मेथी के दाने
मेथी को पानी में उबाल कर इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोजाना पीएं। इससे आपको अस्थमा की समस्या से राहत मिलेगी। लाइफस्टाइल में शामिल करें ये 10 हेल्थी आदतें, अस्थमा अटैक से हमेशा रहेंगे दूर
2.आंवला पाउडर
2 टीस्पून आंवला पाउडर में 1 टीस्पून शहद मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। रोजाना इसका सेवन अस्थमा को कंट्रोल करता है।
3. पालक और गाजर
पालक और गाजर के रस को मिलाकर रोजाना पीने से भी अस्थमा की समस्या दूर होती है।
4. पीपल के पत्ते
पीपल के पत्तों को सूखा कर जला लें। इसके बाद इसें छान इसमें शहद मिलाएं। दिन में 3 बार इसे चाटने से अस्थमा की समस्या कुछ समय में ही दूर हो जाएगी।
5. बड़ी इलायची
बड़ी इलायची, खजूर और अंगूर को सामान मात्रा में पीसकर शहद से साथ खाएं। इसका सेवन अस्थमा के साथ पुरानी खांसी को भी दूर करता है।
6. सोंठ
सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर 00 मि.लीटर पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी।
7. तेजपत्ता
तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी से साथ खाएं। रोजाना इसे खाने से अस्थमा की समय कुछ समय में ही गायब हो जाएगी।
8. सूखी अंजीर
सूखी अंजीर के 4 दाने रात को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसे पीसकर खाने से अस्थमा के साथ कब्ज भी दूर हो जाएगी।
अन्य उपाय
1.गेंदा के फ़ूलो को सुखा लिया जाए और इसके बीजों को एकत्र कर मिश्री के दानों के साथ समान मात्रा (5 ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो दमा और खाँसी के मरीज को काफी फायदा होता है।
2.लहसून की 2 कच्ची कलियां सुबह खाली पेट चबाने के बाद आधे घण्टे से मुलेठी नामक जड़ी-बूटी का आधा चम्मच सेवन दो महीने तक लगातार करने से दमा जैसी घातक बीमारी से सदैव की छुट्टी मिल जाती है।
3.पान के पत्तों के साथ अशोक के बीजों का चूर्ण की एक चम्मच मात्रा चबाने से सांस फूलने की शिकायत और दमा में आराम मिलता है