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अशुक्राणुता (निल शुक्राणु) का उपचार
निल शुक्राणु या अशुक्राणुता का इलाज तब जरुरी हो जाता है, जब कोई पुरुष बच्चे पैदा करना चाहता है। यदि निल शुक्राणु का कारण ब्लॉकेज होता है, तो इसके इलाज के लिए सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है। अतः प्रजनन पथ में रुकावट की स्थिति का सफल इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। लेकिन जो व्यक्ति सर्जरी कराना नहीं चाहते हैं, तो वह व्यक्ति इस स्थिति में एक छोटी और पतली सुई का उपयोग अंडकोष से शुक्राणु को निकालने के लिए कर सकते हैं। फिर, शुक्राणु के इस नमूने को इन विट्रो निषेचन (in vitro fertilization (IVF)) में उपयोग करने के लिए फ्रीज करके रखा जा सकता है। एजुस्पर्मिया का उपचार, इसके प्रकार और कारणों पर निर्भर करता है, जैसे-
ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया (obstructive azoospermia) के लिए माइक्रोसर्जरी की सिफारिश की जा सकती है, इस प्रक्रिया के दौरान प्रजनन पथ को अनब्लॉक किया जाता है। यह एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है। एंडोस्कोपिक सर्जरी वास डेफरेंस (vas deferens) की रुकावट को दूर कर सकती है।
नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया के इलाज के दौरान पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी जीवनशैली या दवा में परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त अशुक्राणुता की स्थिति में सुधार के लिए हार्मोन थेरेपी की सलाह भी दी जा सकती है। हार्मोन थेरेपी के तहत फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (FSH), ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG), क्लोमीफेन (Clomiphene), अनस्ट्रोजॉल (Anastrazole) और लेट्रोज़ोल (Letrazole) इत्यादि का उपयोग किया जा सकता है।