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आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है धतूरा

धतूरे का पौधा सारे भारत में सर्वत्र सुगमता से बहुतायत में उपलब्ध होता है। आमतौर पर खेतों के किनारे, जंगलों में, गांवों, शहरों में यहां-वहां उगा हुआ दिख जाता है। भगवान शिव की पूजा के लिए लोग इसके फूल और फलों का उपयोग करते हैं। धतूरा सफेद, काला, नीला, पीला तथा लाल पुष्प वाला पांच जातियों का मिलता है, जिसमें काला धतूरा श्रेष्ठ माना जाता है।
इसका पौधा ऊंचाई में 3 से 5 फुट तथा झाड़ीदार होता है। तना, शाखाएं बैंगनी या हलके काले रंग की होती हैं। पते हृदय के आकार के, अंडाकार, चिकने, दन्तुर या मुड़े-मुड़े से 3 से 7 इंच लंबे होते हैं। पुष्प घंटाकार, तुरही के आकार के, एक साथ 2-2 या 3-3 सफेद, बैंगनी आभा लिए 5 से 7 इंच लंबे लगते हैं। फल हरे रंग के, कांटेदार, गोल-गोल, नीचे की ओर लटके 4 खंडों से युक्त होते हैं। फल पकने पर अपने आप अनियमित ढंग से फट जाते हैं, जिनमें से चपटे, मटमैले भूरे, वृक्काकार अनेक बीज निकल कर बिखर जाते हैं।
1.बवासीर
धतूरे के फूल या पत्तियों को जला लें। इसके बाद इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई करें। इसके अलावा धतूरे के पत्तों को पीसकर इसका सेवन करने से भी बवासीर की समस्या खत्म हो जाती है।
2. गठिया
धतूरे का रस निकालकर तिल के तेल में मिक्स करके गर्म करें। इसके बाद इस तेल से दर्द वाली जगहें पर मालिश करें। नियमित रूप से इसकी मालिश गठिया रोग को दूर कर देती।
3. बदन दर्द
धतूरे की पत्तियों, फूल, बीच को पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सरसों या तिल के तेल में पका लें। इस तेल को दर्द वाली जगहें पर लगाने से आपको दर्द से तुरंत आराम मिल जाएगा।
4. गर्भधारण
2.5 ग्राम धतूरे के चूर्ण में घी मिक्स करके रोजाना सेवन करें। इससे महिलाओं को जल्दी गर्भधारण करने में मदद मिलती है।
5. आंख में दर्द
आंख में दर्द, सूजन या इंफेक्शन को दूर करने के लिए इसके अर्क की कुछ बूदें डालें। इससे आपको तुरंत आराम मिल जाएगा।
6. बुखार
बुखार या कफ होने पर 125 -250 मि.ग्राम धतूरे के बीजों की राख मरीज को दें। इससे बुखार या कफ गायब हो जाएगा।
7.पेट के कृमि के लिए धतूरा का सेवन
पत्तों का रस 3-4 बूंद, आधा-आधा चम्मच अजवायन और शहद में मिलाकर सोते समय पिलाने से कुछ ही दिनों में पेट के सारे कृमि मल द्वारा निकल जाएंगे।
8. दमा का दौरा पड़ने पर धतूरा का सेवन
धतूरे के सूखे पत्तों का चूर्ण चिलम में अजवायन और सौंफ के चूर्ण के साथ मिलाकर भर लें और धूम्रपान करें, दौरे में तत्काल राहत मिलेगी।
9. बालों के लिए लाभकारी
अगर आपके सिर के बाल लगातार झड़ रहे हैं और आप गंजेपन का शिकार हो रहे हैं तो धतूर आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगने में सहायता मिलती है। इसका प्रयोग नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक करना चाहिए। धतूरे के पत्तों के रस का लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। इसके अलावा बच्चों के बालों में अक्सर जुएं हो जाती है। अगर आपका बच्चा भी जुआं से परेशान हैं तो आधा लीटर सरसों के तेल में ढाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर और इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पकाकर जब केवल तेल बच जाय तब बोतल में भरकर रख लें यह सिर में पाए जानेवाले जूएं के श्रेष्ठ औषधि है।
-सावधानी
धतूरा औषधीय गुणों से भरपूर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि धतूर विष है और अधिक मात्रा में इसका सेवन शरीर में रुखापन लाता है। मात्रा से अधिक प्रयोग करने पर सिरदर्द, पागलपन और बेहोशी जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और आंखे व चेहरा लाल हो जाता है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है। चक्कर आने लगता है। आंखों के तारे फैल जाते हैं और व्यक्ति को एक वस्तु देखने पर एक से दिखाई पड़ने लगती है। रोगी रोने लगता है। नाड़ी कमजोर होकर अनियमित चलने लगती है। कई बार तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसलिए इसका प्रयोग चिकित्सक के निर्देशन में सावधानीपूर्वक करें तो बेहतर होगा।