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किडनी डायलीसिस क्यों......?

किडनी स्वस्थ अवस्था में इर्यथ्रोपोइटिन नाम का हार्मोन बनाती हैं। यह हार्मोन शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह का कार्य करने वाले लाल रक्त कणों की संख्या में इजाफा करता है। किडनी में लाखों मिनी फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफरोंस कहते हैं जो पूरी जिंदगी खून साफ करने का काम करते हैं। किडनी में होने वाले इस सफाई सिस्टम के कारण हमारे शरीर से हानिकारक केमिकल्स पेशाब के साथ बह जाते हैं।
किडनी के अन्य कामों में लाल रक्त कण का बनना और फायदेमंद हार्मोंस रिलीज करना शामिल हैं। किडनियों द्वारा रिलीज किए गए हार्मोंस के द्वारा ब्लड प्रेशर नियंत्रित किया जाता है और हड्डियों के लिए बेहद जरूरी विटामिन डी का निर्माण किया जाता है।
किडनी इसके अलावा शरीर में पानी और अन्य जरूरी तत्व जैसे मिनरल्स, सोडियम, पोटेसियम और फॉस्फोरस का रक्त में संतुलन बनाए रखती हैं।
उम्र बढ़ने पर किडनी की कार्यशीलता भी प्रभावित होती है परंतु कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे समय के पहले ही किडनी से जुडी समस्याएं सामने आ सकती हैं। ये समस्याएं कुछ कारणों से हो सकती हैं जिनमें किडनी की बीमारियों से जुड़ा पारिवारिक इतिहास,डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, नशा और अधिक वजन शामिल हैं।
* युरिनरी फंक्शन में बदलाव :
सबसे पहला लक्षण जो उभर कर आता है वह है युरिनरी फंक्शन में बदलाव। किडनी में उत्पन्न समस्या के चलते युरीन (पेशाब) के रंग, मात्रा और कितने बार पेशाब आती है में बदलाव आ जाएगा। इसके अलावा आप इन लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं।
* रात में बार बार पेशाब आना।
* पेशाब की इच्छा होना परंतु बाथरूम में जाने पर पेशाब न होना।
* हमेशा से ज्यादा गहरे रंग में पेशाब आना।
* झाग वाली और बुलबुलों वाली पेशाब आना।
* पेशाब में खून दिखना।
* पेशाब करने में दर्द होना या जलन होना।
*पीठ दर्द का कारण न समझ पाना:
आपकी पीठ और पेट के किनारों में बिना वजह दर्द महसूस करना किडनी में इंफेक्शन या किडनी संबंधी बिमारियों के लक्षण हो सकते हैं।
इसके अलावा शरीर अकड़ना और जोड़ों में समस्या सामने आती है।
पीठ में नीचे की तरफ होने वाले दर्द की एक वजह किडनी में पथरी भी हो सकती है।
* पोलिसासिस्टिक रेनाल डिजिज एक वंशानुगत बीमारी है जिससे किडनी के सिस्ट में पानी भर जाता है
* शरीर में सूजन आना:
सूजन हाथों, पैरों, जोड़ों, चेहरे और आंखों के नीचे हो सकती है। अगर आप अपनी त्वचा को उंगली से दबाएं और डिम्पल थोड़ी देर तक बने रहें तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें।
* चक्कर आना और कमजोरी :
किडनी के कार्य सही न होने से ब्लड प्यूरीफाई होने में मुश्किल होती है, जिससे गंदगी शरीर मे ही रुकने लगती है। शरीर में एनीमिया की स्थिति बनने से सर घुमना, हल्का सरदर्द, बैलेंस न बनना जैसे लक्षण उभरते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एनीमिया की वजह से दिमाग तक जरूरी मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता।
* साँस फूलना और सांस लेने में परेशानी उत्पन्न होना।
* स्किन खुरदुरी हो जाना और खुजली होना :
अचानक से त्वचा फटना, रेशेज होना, अजीब लगना और बहुत ज्यादा खुजली महसूस होना शरीर की गंदगी के एकत्रित होने के परिणाम हो सकते हैं। शरीर में कैल्सियम और फॉस्फोरस की मात्रा प्रभावित हो जाती है जिससे अचानक से बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है
* उल्टियां आना :
किडनी से जुड़ी समस्याओं के परिणामस्वरूप उल्टी आना।
* गीली सी ठंड लगना : अच्छे मौसम के बावजूद अजीब सी ठंड लगना और कभी-कभी ठंड लगकर बुखार भी आ जाना।
अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है कि शरीर के सभी अवयव सही और सुचारू रूप से काम करें। उन अवयवों में किडनी का सही काम करना बहुत जरूरी है। उपर्युक्त किसी भी तरह के लक्षणों को अनदेखा न करें। वरना आप डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट तक कि समस्या तक पहुँच सकते है।
Dr Neeru Sain(MD in acupressure)
Health Healing Centre