ब्रह्मांड

चंद्रयान के बारे में ये सब आपको कहीं भी नहीं पता चलेगा, पढ़ लो.

चंद्रयान के बारे में ये सब आपको कहीं भी नहीं पता चलेगा, पढ़ लो.

आज की रात देश की नींद के वक़्त चंद्रयान – 2 चांद पर उतरेगा. बहुत से लोग होंगे जो जागकर ये जानना चाह रहे होंगे कि क्या हो रहा है, भारत के वैज्ञानिकों की मेहनत कितनी रंग लाई और सबसे ज़रूरी बात? चांद पर हमें क्या मिलने वाला है?

#Chandrayaan2: चांद पर जब चंद्रयान-2 उतरेगा तो क्या होगा

#Chandrayaan2: चांद पर जब चंद्रयान-2 उतरेगा तो क्या होगा

भारत का सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष कार्यक्रम चंद्रयान-2 दुनिया के तमाम देशों की मुहिम, 'चलो फिर चांद पर चलें' के लिए बेहद अहम इनपुट मुहैया कराएगा.

ये भी हो सकता है कि इसी की बुनियाद पर आगे चल कर इंसान चांद पर पहला पर्यवेक्षण केंद्र भी बनाए. Read More : #Chandrayaan2: चांद पर जब चंद्रयान-2 उतरेगा तो क्या होगा about #Chandrayaan2: चांद पर जब चंद्रयान-2 उतरेगा तो क्या होगा

मिलिये पक्षी प्रेमी अर्जुन से, जिन्होंने कराई हजारों गौरेया की वापसी

मिलिये पक्षी प्रेमी अर्जुन से, जिन्होंने कराई हजारों गौरेया की वापसी
हमारे बचपन की दोस्त गौरैया अब हमारे घर नहीं आती। अपना घर बनाने की चाहत में हमने उनसे उनका प्राकृतिक आवास और भोजन छीन लिया है। यही वजह है कि गौरैया अब हमसे लगातार दूर होती जा रही है और कई क्षेत्रों में तो अब ये देखने को भी नहीं मिलती। लेकिन गौरैया प्रेमी अर्जुन कुमार का कहना है कि अगर हम इनके प्रति थोड़ी सी सहजता दिखाएं, तो अपने बचपन के इन दोस्तों को एक बार फिर अपनी छत के मुंडेर पर वापस बुलाया जा सकता है। इसके लिए बहुत थोड़े से

अंतिम समय में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टालने के पीछे ये है कारण

 अंतिम समय में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टालने के पीछे ये है कारण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के दूसरे मून मिशन Chandrayaan-2 की लॉन्चिंग, लॉन्च से 56.24 मिनट पहले रोक दी गई. चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया जाना था लेकिन 56.24 मिनट पहले काउंटडाउन रोक दिया गया. तत्काल इसरो वैज्ञानिक ये पता करने की कोशिश में जुट गए कि लॉन्च से ठीक पहले ये तकनीकी कमी कहां से आई. इसरो प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने इसरो की तरफ से बयान देते हुए कहा कि जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने की वजह से लॉन्चिंग रोक दी गई है. लॉन्चिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी. Read More : अंतिम समय में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टालने के पीछे ये है कारण about अंतिम समय में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टालने के पीछे ये है कारण

भारत का अभियान : चंद्रयान-2 चला चाँद की ओर

चंद्रयान-2 चला चाँद की ओर

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मून मिशन Chandrayaan-2 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया. अब चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो गई है. करीब 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 182 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू करेगा. Read More : भारत का अभियान : चंद्रयान-2 चला चाँद की ओर about भारत का अभियान : चंद्रयान-2 चला चाँद की ओर

चाँद पर इंसान भेजने से अमरीका को क्या मिला था

चाँद पर इंसान भेजने से अमरीका को क्या मिला था

अंतरिक्ष में भी एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ लगी हुई थी. अंतरिक्ष की इस रेस में सोवियत संघ, अमरीका से आगे चल रहा था.

उसने अंतरिक्ष में अमेरिका से पहले इंसान भेजने में क़ामयाबी हासिल की थी. इसलिए, अमरीकी सरकार भी सोवियत संघ से पहले चांद पर इंसान को भेजना चाहती थी.

अमरीकी राष्ट्रपति जॉन कैनेडी ने नासा के सामने लक्ष्य रखा था कि वो इंसान को चांद पर सोवियत संघ से पहले भेजने के मिशन को अंजाम दे.

लिहाज़ा नासा ने चांद पर इंसान को तो भेजा ही. साथ ही अमरीकी स्पेस एजेंसी ने ये भी साबित करने की कोशिश की कि जब उसके अंतरिक्ष यात्री चांद पर गए तो उन्होंने कुछ नायाब काम किया. Read More : चाँद पर इंसान भेजने से अमरीका को क्या मिला था about चाँद पर इंसान भेजने से अमरीका को क्या मिला था

ट्रांस लूनर इंजेक्शन: वो धक्का, जिससे चांद पहुंचेगा चंद्रयान-2

 चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 अब धरती की कक्षा से बाहर निकल चुका है.

इसरो का कहना है कि 20 अगस्त तक चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंच जाएगा और फिलहाल ये धरती की कक्षा से निकलकर चांद तक पहुंचने की प्रक्रिया में है.

ऐसे में आप सोच सकते हैं कि आख़िर ये प्रक्रिया होती क्या है?

दरअसल 22 जुलाई से 14 अगस्त तक चंद्रयान-2 को धरती की कक्षा में रखा गया था.

चंद्रयान धरती के कई चक्करों को लगाते हुए धीरे-धीरे चांद की तरफ़ बढ़ने लगता है. इसी के तहत चंद्रयान-2 की धरती से दूरी बढ़ती जाती है और वो चांद के क़रीब जाता रहता है. Read More : ट्रांस लूनर इंजेक्शन: वो धक्का, जिससे चांद पहुंचेगा चंद्रयान-2 about ट्रांस लूनर इंजेक्शन: वो धक्का, जिससे चांद पहुंचेगा चंद्रयान-2

विक्रम साराभाई: जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाया

विक्रम साराभाई: जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाया

डॉक्टर विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था. कॉस्मिक रे और अंतरिक्ष पर उनकी रिसर्च के लिए उन्हें पूरी दुनिया में जाना जाता है.

इनके पिता एक अमीर कपड़ा व्यापारी थे. आज यानी 12 अगस्त को इनकी 100वीं जयंती हैं. गूगल ने डूडल बनाते हुए इनको याद किया है.

डॉक्टर विक्रम साराभाई परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष रहे थे. अंतरिक्ष की दुनिया में साराभाई ने बहुत योगदान दिया. भारत को अंतरिक्ष तक पहुंचाने में इनका बहुत बड़ा हाथ था.

डॉक्टर होमी जे. भाभा की प्लेन क्रैश में मौत के बाद 1966 में इन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष का पद संभाला था. Read More : विक्रम साराभाई: जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाया about विक्रम साराभाई: जिन्होंने भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाया

डिस्कवरी नए मिशन पर रवाना

अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अमरीकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी को एक नए मिशन पर अंतरिक्ष में स्थित अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना किया है. Read More : डिस्कवरी नए मिशन पर रवाना about डिस्कवरी नए मिशन पर रवाना

अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा कचरा किसने फैलाया

अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा कचरा किसने फैलाया

नासा (द नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने भारत की एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण से निकले मलबे से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (आईएसएस) को पैदा हुए ख़तरे को भयानक बताया है.

नासा प्रमुख जिम ब्राइडेन्स्टाइन ने कहा कि भारत ने जिस उपग्रह को निशाने पर लिया वो कई टुकड़ों में टूट गया.

उनका कहना है कि इनकी संख्या 400 से भी अधिक है और इससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ख़तरा पैदा हो गया है.

नासा टाउनहॉल में ब्राइडेन्स्टाइन ने बताया कि इससे पैदा हुए ज़्यादातर टुकड़े बड़े हैं. उन्होंने कहा कि नासा ने छोटे टुकड़ों को ट्रैक किया है और बड़े टुकड़ों को खोज की जा रही है. Read More : अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा कचरा किसने फैलाया about अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा कचरा किसने फैलाया

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