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भारत में क्यों जरूरी है यौन शिक्षा

यौन शिक्षा के महत्व पर कई बहस और चर्चाएं हो चुकी हैं, कि इसे स्कूल में लागू किया जाना चाहिए। कुछ लोग इसके खिलाफ हैं, तो कुछ लोगों ने इसकी जरूरत को समझते हुए हरी झंडी दे दी है। बच्चों के बीच यौन शिक्षा उन्हें कामुकता के बारे में सिखाती है, उनके शरीर में परिवर्तन होता है और यह सब उन्हें यौवन की शुरूआत होने से पहले पता होना चाहिए। सेक्स एजुकेशन बच्चों को उनके शरीर के बारे में कई बातें सिखा सकती है, वहीं उन्हें गुमराह भी कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में सेक्स के प्रति दिलचस्पी बढऩे का प्रमुख कारण है इंटरनेट।
इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्रियों और युवाओं की इंटरनेट की प्रति रूझान की वजह से बच्चों में सेक्स को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। आज भी हमारे समाज में अगर बच्चे पैरेंट्स से सेक्स से जुड़ा सवाल कर लें, तो पैरेंट्स शर्म से लाल हो जाते हैं और उन पर गुस्सा करते हैं। ऐसे में बच्चे इंटरनेट और मैग्जीन्स की मदद से सेक्स से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढते हैं। इसमें इन्हें जानकारी तो मिलती है, लेकिन आधी-अधूरी। कई बार तो इस अधूरी जानकारी की वजह से बच्चे शारीरिक संबंध भी स्थापित करने लगते हैं। इससे बेहतर है, कि स्कूल में सेक्स के प्रति बच्चे की जिज्ञासा को सही तरह से शांत किया जाए या फिर पैरेंट्स उन्हें उनकी उम्र के अनुसार सही भाषा में सेक्स एजुकेशन देने की कोशिश करें।
सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बच्चों को स्कूल में ही सेक्स से जुड़े पहलू समझा दिए जाएं, तो वह किसी प्रकार के बहकावे में नहीं आते। सेक्स के प्रति कोई भी गलत चीज उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित नहीं कर सकती। खासतौर से लड़कियों के लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है।