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बीमारी जिसमें सेक्स के दौरान कभी ऑर्गेज्म नहीं होता?
हमें सेहत पर मेल आया एक व्यूअर का. वो चाहती है हम उनकी पहचान न बताएं. इसलिए हम उनका एक काल्पनिक नाम रख रहे हैं, कविता. 35 साल की हैं. दिल्ली की रहने वाली हैं. कविता की शादी को 7 साल हो गए हैं. उनकी एक प्रॉब्लम है. सेक्शुअल रिलेशंस बनाते समय उन्हें ऑर्गेज्म नहीं होता. कभी नहीं हुआ. वो बहुत सालों तक इस बात को लेकर काफ़ी परेशान रही हैं. पर सेक्शुअल हेल्थ को लेकर बने टैबू को चलते ये बात उन्होंने किसी से डिस्कस नहीं की. हालांकि, उन्होंने इंटरनेट पर इसे लेकर सर्च किया तो पता चला कि ये एक मेडिकल कंडीशन है. अब वो चाहती हैं कि हम इस बारे में एक्सपर्ट्स से पूछकर अपने पाठकों को बताएं.
इस कंडीसन का नाम है एनऑर्गेज़्मिया. आज हम इसी पर बात करेंगे कि ये किस तरह की कंडीशन है, क्यों होती है, क्या इसका कोई इलाज है, केवल महिलाओं को होता है या पुरुषों में भी ये होता है?
ऑर्गेज्म क्या होता है?
ऑर्गेज्म का सीधा मतलब होता है सेक्स्शुअल सुख. जब भी हम अपने पार्टनर के साथ सेक्स्शुअल रिलेशनशिप बिल्ड करते हैं तो एक स्थिति में जाकर हमें चरम सुख मिलता है, जिसे ऑर्गेज्म कहते हैं. दरअसल सेक्स के दौरान हमारे शरीर में कई हॉर्मोन्स रिलीज़ होते हैं, हमारे शरीर में कई चेंजेस आते हैं जैसे धड़कन बढ़ जाना, सांस फूलने लगना, महिलाओं और पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाना.
इन सब की वजह से पुरुषों में उनके लिंग का साइज़ बढ़ जाता है और चरम सुख के बाद स्पर्म रिलीज़ होता है. वहीं महिलाओं में वजाइना की मांसपेशियां खुलती-सिकुड़ती हैं. ऑर्गैज्म होने पर उनकी वजाइना से भी लिक्विड रिलीज़ होता है.
Anorgasmia क्या होता है?
ये हमें समझाया डॉक्टर विदित ने. उन्होंने बताया कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ऑर्गेज्म नहीं होता है. इस कंडीशन को एनऑर्गेज़्मिया कहा जाता है. एनऑर्गेज़्मिया एक प्रकार का सेक्स्शुअल डिसऑर्डर है, इसमें पर्याप्त उत्तेजना यानी सेक्स्शुअल डिजायर होने के बाद भी आप चरम सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं.
एनऑर्गेज़्मिया दो प्रकार के होते हैं. पहला प्राइमरी एनऑर्गेज़्मिया दूसरा सेकेंडरी एनऑर्गेज़्मिया. प्राइमरी एनऑर्गेज़्मिया में व्यक्ति को कभी भी ऑर्गेज्म नहीं हुआ होता है. सेकेंडरी एनऑर्गेज़्मिया में व्यक्ति को पहले ऑर्गेज्म होता था, पर किसी मेडिकल या सर्जिकल कारण से अब ऑर्गेज्म नहीं होता या देर से होता है.
कारण
- एनऑर्गेज़्मिया का सबसे बड़ा कारण है साइकोलॉजिकल स्ट्रेस, फिजिकल या मेंटल स्ट्रेस से गुजर रहे हैं तो एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है. अगर आपको बाइपोलर डिसऑर्डर, एंग्जायटी, डिप्रेशन रहता है तो आपको एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है.
- तीसरा कारण है उम्र. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एनऑर्गेज़्मिया की सिचुएशन आ जाती है, क्योंकि उनकी योनि मार्ग में जो मांसपेशियां होती हैं वो सिकुड़ जाती हैं, उनपर झुर्रियां पड़ जाती हैं, जिसकी वजह से वो ऑर्गेज्म महसूस नहीं कर पातीं.
- चौथा कारण है शराब. अगर आप जरूरत से ज्यादा शराब पीते हैं तो भी आपको एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है, एंटी-डिप्रेशन ड्रग्स के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या एनऑर्गेज़्मिया की प्रॉब्लम हो सकती है.
- औरतों में गर्भाशय की सर्जरी, पुरुषों में प्रोस्टेट की सर्जरी भी एनऑर्गेज़्मिया का कारण बन सकती हैं. एनऑर्गेज़्मिया पुरुषों और स्त्रियों दोनों में बहुत ही कॉमन है.
लक्षण
- सेक्स के दौरान या मास्टरबेट करते समय ऑर्गेज्म नहीं होना या देर से होना एनऑर्गेज़्मिया के लक्षण हैं
इलाज
अगर आपको एनऑर्गेज़्मिया है तो आपको घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि इसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है. अगर आपको इनऑर्गेजमिया के लक्षण फील हो रहे हैं तो आप साइकोलॉजिस्ट या गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाकर कंसल्ट करें. साइकोलॉजिकल काउंसलिंग और दवाइयों के माध्यम से आपको हेल्प मिल सकती है.
एनऑर्गेज़्मिया होने के पीछे क्या कारण होते हैं, ये तो हमने समझ लिया. पर एक और बात समझना बेहद ज़रूरी है. अगर आप इस प्रॉब्लम का इलाज चाहते हैं तो आपको डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से मिलना ही पड़ेगा. क्योंकि इसका इलाज काउंसलिंग और दवाइयों के ज़रिए होता. इसलिए हिचकने की ज़रूरत नहीं है. आप डॉक्टर से मिलिए और खुलकर अपनी प्रॉब्लम शेयर करिए.